सोयाबीन की खरीदी के लिए मध्य प्रदेश सरकार की तैयारी, 25 अक्टूबर से खरीदी शुरू होगी। सोयाबीन का बाजार मूल्य न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम होने के कारण प्रदेश सरकार ने भारत सरकार को उपार्जन की अनुमति का प्रस्ताव भेजा था, जिसे कृषि मंत्रालय ने तत्काल स्वीकार कर लिया। साथ ही यह भी निर्धारित कर दिया कि भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ खरीदी करेंगी।
भंडारण राज्य भंडार गृह निगम करेगा और बारदाना की व्यवस्था खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम करेगा। मुख्य सचिव ने कहा कि गुणवत्तायुक्त सोयाबीन खरीदी में किसानों को उर्पाजन केंद्रों पर परेशानी न आए,यह सुनिश्चित किया जाए।
भारत सरकार की एजेंसियों के लिए मार्कफेड करेगा सोयाबीन खरीदी
मध्य प्रदेश में पहली बार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सोयाबीन खरीदा जाएगा। भारत सरकार की एजेंसी भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नाफेड) और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ के लिए राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) द्वारा उपार्जन किया जाएगा।
इसके लिए सभी जिलों में उपार्जन केंद्र बनाए जाएंगे। ई-उपार्जन पोर्टल पर किसानों का पंजीयन होगा। खरीदी 90 दिन की जाएगी। प्रदेश में इस वर्ष लगभग 58 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन की बोवनी की गई है। सर्वाधिक क्षेत्र मालवांचल में है।
उपार्जन लक्ष्य निर्धारित होना बाकी
कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी उपार्जन का लक्ष्य निर्धारित होना बाकी है। कुछ स्थानों पर नाफेड उपार्जन करेगा और बाकी स्थानों पर मार्कफेड द्वारा विकेंद्रीकृत प्रणाली के अंतर्गत खरीदी की जाएगी। सहकारी समितियों को उपार्जन केंद्र बनाया जाएगा और भंडारण की व्यवस्था भी बनाई जाएगी।
भारत सरकार सोयाबीन को सेंट्रल पूल में लेकर बाहर नहीं भेजती है, तब तक भंडारण में होने वाली प्रतिपूर्ति सरकार द्वारा की जाएगी। खरीदी केवल पंजीकृत किसानों से ही की जाएगी और भुगतान तीन दिन के भीतर सीधे खाते में होगा।