Lok Sabha Election खजुराहो को छोडकर मध्यप्रदेश में सभी 29 मे से 28 सीट पर स्थिति क्लियर, देखें कहां किसके बीच होगी टक्कर
Lok Sabha Election
Lok Sabha Election खजुराहो को छोडकर मध्यप्रदेश में सभी 29 मे से 28 सीट पर स्थिति क्लियर हो गई है। यहां मुख्य मुकाबले में भाजपा कांग्रेस के बीच मुकाबला है। खजुराहो में इंडिया गठबंधन की सपा प्रत्याशी मीरा यादव का फार्म रिजेक्ट होने से यह क्लियर नहीं कि बीजेपी के वीडी शर्मा का मुख्य मुकाबला किसके साथ होगा वैसे यहां अभी 13 प्रत्याशी मैदान में हैं।
आपको बता दें कांग्रेस की ओर से जारी चौथी सूची के बाद प्रदेश की सभी लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों के लिहाज से स्थिति साफ हो गई है। भाजपा ने जहां सभी सीटों 29 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं, तो वहीं कांग्रेस 28 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। खजुराहो सीट कांग्रेस ने समझौते के तहत समाजवादी पार्टी के लिए छोड़ी थी।
सीटों पर प्रत्याशियों की स्थिति
सीधी
भाजपा- डा. राजेश मिश्रा
2009 में भाजपा से जुड़े, सीधी जिला अध्यक्ष रहे।
कांग्रेस – कमलेश्वर पटेल
पूर्व मंत्री, 2013 में पहली बार विधायक बने। 2023 के चुनाव में हार गए।
शहडोल
भाजपा- हिमाद्री सिंह
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में आईं, वर्तमान सांसद।
कांग्रेस- फुंदेलाल सिंह मार्को
तीन बार के विधायक हैं। मप्र आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष रहे।
जबलपुर
भाजपा – आशीष दुबे
1990 से राजनीति में। 2021 में भाजपा के प्रदेश मंत्री बने, पहली बार चुनाव लड़ रहे।
कांग्रेस- दिनेश यादव
कांग्रेस संगठन के पदाधिकारी, पहली बार चुनाव लड़ रहे।
मंडला
भाजपा – फग्गन सिंह कुलस्ते
वर्तमान केंद्रीय मंत्री, 2023 का विधानसभा चुनाव हारे।
कांग्रेस- ओमकार सिंह मरकाम
पूर्व मंत्री, वर्तमान विधायक, मप्र आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे। महाकोशल का बड़ा आदिवासी चेहरा।
बालाघाट
भाजपा- भारती पारधी
बालाघाट नगर पालिका की पार्षद है। संगठन में सक्रिय रहीं। पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं।
कांग्रेस- सम्राट सिंह सरस्वार
जिला पंचायत अध्यक्ष हैं, पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे। पिता अशोक सरस्वार विधायक रहे हैं।
छिंदवाड़ा
भाजपा – विवेक बंटी साहू
पार्टी के जिला अध्यक्ष। दो बार विधानसभा चुनाव हारे, पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
कांग्रेस – नकुल नाथ
मध्य प्रदेश में पार्टी के इकलौते सांसद, कमल नाथ के पुत्र, दूसरी बार छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ रहे हैं।
टीकमगढ़
भाजपा- वीरेंद्र कुमार खटीक
1996 में पहली बार सांसद चुने गए। सात बार के सांसद, वर्तमान केंद्रीय मंत्री है।
कांग्रेस-पंकज अहिरवार
संगठन के पदाधिकारी, 2023 के चुनाव में जतारा से टिकट मांगी थी नहीं मिली।
दमोह
भाजपा- राहुल सिंह लोधी
2018 में कांग्रेस से विधायक रहे। उप चुनाव हारे। 2023 में टिकट नहीं मिली।
कांग्रेस- तरवर सिंह लोधी
सागर के बंडा से विधायक रहे, 2023 में हार गए।
खजुराहो
भाजपा – विष्णु दत्त शर्मा
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष, वर्तमान सांसद हैं। खजुराहो से दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं।
कांग्रेस
आइएनडीआइए के गठबंधन की सपा प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन पत्र निरस्त।
सतना
भाजपा- गणेश सिंह
वर्तमान सांसद, 2023 का विधानसभा चुनाव हार गए।
कांग्रेस- सिद्धार्थ कुशवाहा
सतना से वर्तमान विधायक, कांग्रेस के ओबीसी विभाग के अध्यक्ष, पिता सुखलाल कुशवाह बसपा से सांसद रहे।
रीवा
भाजपा- जनार्दन मिश्र
2014 और 2019 में सांसद चुने गए।
कांग्रेस- नीलम अभय मिश्रा
2013 में भाजपा विधायक रहीं। सेमरिया से विधायक अभय मिश्रा की पत्नी हैं।
होशंगाबाद
भाजपा- दर्शन चौधरी
भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हैं। पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं।
कांग्रेस- संजय शर्मा
पहले भाजपा और फिर कांग्रेस से विधायक रहे। 2023 का चुनाव हारे।
बैतूल
भाजपा- दुर्गादास उइके
दूसरी बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा जनजाति मोर्चा के शोध व नीति विषय प्रभारी रह चुके हैं।
कांग्रेस- रामू टेकाम
मप्र आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष। कमल नाथ के करीबी, 2019 में लोकसभा चुनाव हारे।
मुरैना
भाजपा- शिवमंगल सिंह तोमर
विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के करीबी। सहकारी बैंक मुरैना, श्योपुर में चेयरमैन रहे। 2008 में विधायक रहे। 2013 और 2018 का चुनाव हार गए।
कांग्रेस-सत्यपाल सिंह सिकरवार
2013 में सुमावली से भाजपा विधायक रहे, 2020 में कांग्रेस से जुड़े। भाई शतीश सिकरवार विधायक, भाभी ग्वालियर महापौर।
भिंड
भाजपा- संध्या राय
2003 में दिमनी से विधायक रहीं। 2019 का लोकसभा चुनाव जीतीं।
कांग्रेस- फूल सिंह बरैया
अनुसूचित जाति वर्ग का बड़ा चेहरा, वर्तमान विधायक, पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
ग्वालियर
भाजपा- भारत सिंह कुशवाह
2013 और 2018 में विधायक चुने गए। राज्य मंत्री रहे। ग्वालियर ग्रामीण जिला अध्यक्ष रहे। 2023 का चुनाव हार गए।
कांग्रेस-प्रवीण पाठक
2018 में विधायक, 2023 में हारे, अब लोकसभा प्रत्याशी।
गुना
भाजपा- ज्योतिरादित्य सिंधिया
मनमोहन सरकार में केंद्रीय उद्योग राज्य मंत्री रहे। गुना से 2019 का लोकसभा चुनाव हारे। 2020 में कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए, राज्य सभा सदस्य चुने गए, वर्तमान में केंद्रीय मंत्री हैं।
कांग्रेस- राव यादवेंद्र सिंह यादव
2023 में कांग्रेस की सदस्यता ली। मुंगावली से चुनाव हार गए। पिता राव देशराज यादव तीन बार विधायक रहे।
सागर
भाजपा- लता वानखेड़े
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रहीं। प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष रहीं। पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं।
कांग्रेस- चंद्रभूषण सिंह बुंदेला
2023 में कांग्रेस में शामिल, खुरई से विधानसभा टिकट मांगा पर नहीं मिला। पिता सुजान सिंह बुंदेला उप्र से सांसद रहे।
विदिशा
भाजपा- शिवराज सिंह चौहान
1990 में पहली बार विधायक बने। पांच बार सांसद, चार बार के मुख्यमंत्री रहे। बुधनी से विधायक हैं।
कांग्रेस- प्रतापभानु शर्मा
1980 और 1984 में दो बार के सांसद, संगठन में विभिन्न पदों।
भोपाल
भाजपा-आलोक शर्मा
1994 में भोपाल नगर निगम पार्षद रहे। 2015 में भोपाल महापौर रहे। दो बार विधानसभा चुनाव हारे।
कांग्रेस- अरुण श्रीवास्तव
भोपाल जिला कांग्रेस ग्रामीण के अध्यक्ष रहे। पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। माता विमला श्रीवास्तव भोपाल जिपं अध्यक्ष रहीं।
राजगढ़
भाजपा- रोडमल नागर
तीसरी बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे। संघ प्रचारक रहे हैं।
कांग्रेस- दिग्विजय सिंह
राज्यसभा सदस्य हैं। 33 साल बाद राजगढ़ से चुनाव लड़ रहे हैं। दो बार सांसद, दो बार के मुख्यमंत्री रहे, 2019 में भोपाल लोकसभा का चुनाव हारे।
देवास
भाजपा- महेंद्र सिंह सोलंकी
आरएसएस से जुड़े रहे। आंदोलनों के दौरान जेल गए। न्यायाधीश का पद छोड़कर 2019 में देवास से सांसद बने।
कांग्रेस- राजेंद्र मालवीय
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राधाकिशन मालवीय के पुत्र हैं। दो बार विधानसभा चुनाव हारे।
उज्जैन
भाजपा- अनिल फिरोजिया
वर्तमान सांसद, पिता भूरेलाल फिरोजिया जनसंघ भाजपा के संस्थापक सदस्य रहे।
कांग्रेस-महेश परमार
तराना से दूसरी बार विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष रहे।
मंदसौर
भाजपा- सुधीर गुप्ता
दो बार के सांसद, तीसरी बार चुनाव लड़ रहे।
कांग्रेस- दिलीप सिंह गुर्जर
पूर्व विधायक, 2023 चुनाव हारे। पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे।
रतलाम
भाजपा- अनीता नागर सिंह चौहान
जिला पंचायत अध्यक्ष और महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष रही। पति नागर सिंह चौहान मोहन सरकार वन एवं पर्यावरण मंत्री हैं।
ग्रेस- कांतिलाल भूरिया
पार्टी बड़ा आदिवासी चेहरा, पांच बार सांसद रहे। केंद्रीय मंत्री भी रहे।
धार
भाजपा – सावित्री ठाकुर
2003 में जिला पंचायत सदस्य बनीं। आदिवासी महिला विकास परिषद की राष्ट्रीय महामंत्री व भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य हैं। 2014 में सांसद रहीं।
कांग्रेस- राधेश्याम मुवेल
पहली बार चुनाव लड़ रहे। पार्टी संगठन के पदाधिकारी रहे।
इंदौर
भाजपा- शंकर लालवानी
2019 में पहली बार सांसद बने। इंदौर शहर भाजपा अध्यक्ष और इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रहे।
कांग्रेस- अक्षय कांति बम
समाजसेवी, कालेज संचालक, 2023 में विधानसभा चुनाव की टिकट मांगी थी नहीं मिली, पहली बार चुनाव लड़ रहे।
खरगोन
भाजपा- गजेंद्र पटेल
वर्तमान सांसद, 1992 में अभाविप के नगर अध्यक्ष रहे, 1995 में संघ के नगर कार्यवाहक रहे।
कांग्रेस- पोरलाल खरते
सेल टैक्स की नौकरी छोड़ राजनीति में आए, 2023 में सेंधवा से टिकट मांगी नहीं मिली, पहली बार चुनाव लड़ रहे।
खंडवा
भाजपा- ज्ञानेश्वर पाटिल
1987 में अभाविप से राजनीति में आए। 2021 में नंदकुमार चौहान के निधन के बाद उप चुनाव जीता, वर्तमान सांसद हैं।
कांग्रेस – गजेंद्र पटेल
2023 का चुनाव हारे, चाचा ताराचंद पटेल विधायक और सांसद रहे हैं।