1. दाल भिगोकर पकाने का सही तरीका?
दाल को 2 से 8 घंटे तक भिगोना सही माना जाता है। इसके लिए सबसे पहले एक कटोरी में दाल लें और इसमें पानी डालकर इसे अच्छी तरह से धोएं। पानी को 3-4 बार बदलें और अपनी उंगलियों से धीरे से साफ करें। अब एक कटोरी में पानी डालें और दाल को उसकी मोटाई के हिसाब से अलग-अलग समय तक भिगोकर रखें। उदाहरण के लिए अरहर या चना दाल है, तो उसे 2 घंटे या उससे अधिक समय तक भिगोएं। वहीं, मूंगदाल या मसूर दाल है, तो उसे 30 मिनट या एक घंटे तक भिगोएं।
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2. दाल भिगोकर खाने के फायदे –
दाल भिगोने से शरीर में मिनरल्स अवशोषण के दर में वृद्धि होती है। दाल भिगोने पर एक एंजाइम फाइटेज सक्रिय होता है, जो फाइटिक एसिड को तोड़ने में मदद करता है। साथ ही कैल्शियम, आयरन और जिंक को बांधने में मदद करता है और अवशोषण प्रक्रिया को आसान बनाता है। इसके अलावा इससे एमाइलेज नामक एक यौगिक को भी सक्रिय करता है, जो दाल में जटिल स्टार्च को तोड़ता है और उन्हें पचाने में आसान बनाता है।
आइए जानते हैं दाल पकाने से पहले क्यों भिगोना होते है जरूरी?
3. क्या दाल भिगोने से प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती है?
दाल भिगोकर पकाकर खाने से इसकी प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती है। दरअसल, जब आप दाल को भिगोकर खाते हैं, तो इसमें जिंक, कैल्शियम, आयरन और प्रोटीन का अवशोषण बेहतर हो जाता है। साथ ही फाइटिक एसिड और टैनिन भी कम होते हैं। साथ ही दाल भिगोने से वे स्वादिष्ट और मुलायम भी हो जाते हैं। अधिक प्रोटीन और खनिज अवशोषित करती हैं।
4. क्या दाल भिगोकर पाने से पेट में गैस नहीं बनती है? –
दाल की कितनी देर भिगोना है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कौन सी दाल या बीन्स चुन रहे हैं। भिगोकर दाल पकाकर खाने से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल फंक्शन को बेहतर किया जा सकता है। हालांकि, भिगोने के लिए इस्तेमाल किया गया पानी फेंक दें और दाल या बीन्स पकाने के बाद उन्हें अच्छी तरह से धो लें, ताकि गैस बनाने वाले कार्बोहाइड्रेट खत्म हो जाएं।