आइए जानते हैं 60 की उम्र में शरीर को एक्टिव रखने के लिए किन योगासन की मदद ले सकते हैं?
1. अधो मुख श्वानासन (Adho Mukha Svanasana)
अधो मुख श्वानासन को ‘डाउनवर्ड फेसिंग डॉग पोज़’ भी कहा जाता है। नियमित रूप से इस योग को करने से आप अपने शरीर को फिट रख सकते हैं। इस योग का नाम संस्कृत के शब्दों से लिया गया है, ‘अधस’ का अर्थ ‘नीचे’, ‘मुख’ का अर्थ ‘चेहरा’, ‘स्वना’ का अर्थ ‘कुत्ता’ और ‘आसन’ का अर्थ ‘मुद्रा’ से लिया गया है।
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आइए जानते हैं 60 की उम्र में शरीर को एक्टिव रखने के लिए किन योगासन की मदद ले सकते हैं?
इस योग की मदद से ब्लड को मस्तिष्क में बेहतर ढंग से सर्कुलेट किया जा सकता है। इससे दिमाग तेज होता है और अनुपस्थित-दिमाग की संभावना कम होती है। इस मुद्रा को करने से तनाव कम होता है। साथ ही बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।
2. त्रिकोणासन (Trikonasana)
त्रिकोणासन को ‘त्रिकोण मुद्रा’ के नाम से भी जाना जाता है। संस्कृत में, ‘त्रि’ का अर्थ है ‘तीन’, ‘कोना’ का अर्थ है ‘कोण या कोने’ और ‘आसन’ का अर्थ है ‘मुद्रा’।
इस आसान की मदद से ब्लड फ्लो को बेहतर करने में मदद मिल सकती है। साथ ही यह व्यक्ति के जीवन में स्थिरता, शक्ति और सहनशक्ति लाता है। यह हाथ-पैरों को मजबूत बनाने के लिए काफी अच्छे योगासन में से एक है।
3. भुजंगासन ( Bhujangasana )
भुजंगासन को ‘द कोबरा पोज़’ के नाम से भी जाना जाता है। संस्कृत में ‘भुजंग’ का अर्थ है ‘सांप’ या ‘सर्प’ और ‘आसन’ का अर्थ है ‘मुद्रा’।
भुजंगासन पेट के अंगों को उत्तेजित करके बुजुर्गों को कब्ज से लड़ने में मदद कर सकता है। नियमित रूप से इस आसन का अभ्यास करने से पीठ और पैरों को मजबूत किया सकता है। इस योग की मदद से हार्ट और फेफड़ों को खोलने में मदद मिल सकती है। इससे रीढ़ की हड्डियों को एक्टिव रखने में मदद मिल सकती है।