फिटनेस फंडा

आईए जानते हैं जीवन में बढ़ रहा तनाव कैसे वेटलॉस जर्नी को करता है प्रभावित

1. ओवरइटिंग की आदत

तनाव के चलते लोगों को इमोश्नल इंटिंग का सामना करना पड़ता है। समय पर खाना न खाना और अनहेल्दी फूड (unhealthy food) की कंजप्शन का बढ़ना वेटगेन का कारण बन जाता है। रात में देर तक जागना और ओवरइटिंग (overeating) करने से शरीर में कैलोरीज़ स्टोर होने लगती हैं।

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2. नींद की कमी

स्ट्रेस बढ़ने से नींद न आने की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके चलते शरीर में स्ट्रेस हार्मोन रिलीज़ होते हैं, जो स्लीप पैटर्न (sleep pattern) को डिस्टर्ब करने लगते हैं। क्वालिटी स्लीप न मिल पाने से दिनभर थकान, फोकस की कमी और कार्यक्षमता में कमी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा शरीर में वेटगेन का सामना करना पड़ता है।

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3. पाचनतंत्र का प्रभावित होना

दिनभर तनावग्रस्त रहने से चयापचय स्लो होने लगता है। इससे ब्लोटिंग, अपच और कब्ज का सामना करना पड़ता है। मेटबॉलिज्म (metabolism) की धीमी गति वेटगेन की समस्या को बढ़ा देती है। साथ ही शरीर में थकान और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। तनाव के चलते मील स्किप करने या ओवरइटिंग (overeating) से ये समस्या बढ़ जाती है।

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4. कोर्टिसोल का बढ़ना (cortisol)

शरीर में तनाव के चलते कोर्टिसोल (cortisol) का स्रिशन बढ़ जाता है। इससे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव नज़र आने लगता है। इससे मेटाबॉलिज्म स्लो (slow metabolism) होने लगता है और इटिंग हैबिट्स में भी बदलाव दिखने लगता है। इससे शरीर में अनचाहे वेटगेन (weight gain) का सामना करना पड़ता है।

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