आपसी सद्भाव भाइचारे का पर्व कजलियां पर शहर के लल्लू भैया तलियाँ व गाटर घाट में लगे मेले गीत-संगीत की सजेगी महफिल

आपसी सद्भाव भाइचारे का पर्व कजलियां पर शहर के लल्लू भैया तलियाँ व गाटर घाट में लगे मेले गीत-संगीत की सजी महफि
कटनी-रक्षाबंधन के बाद आज कलियां का पर्व मनाया जा रहा है। आपसी भाई चारे और सौहार्द के महापर्व कजलिया के अवसर पर लोग एक दूसरे को गले मिलकर शुभकामनाएं दे रहे हैं। सुबह से नदी घाटों और तालाबों में कजलियां का विसर्जन भी किया जा रहा है। बारडोली उत्सव समिति द्वारा आयोजित तीन दिवसीय काजलियां मेले का कल शनिवार की शाम कटनी नदी के गाटरवाट में विधिवत शुभारंभ हो गया। इस अवसर पर समीर राम मंदिर में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की आरती उतारकर पूजा अर्चना की गई। इसके उपरांत गीत-संगीत की शानदार माहफिल सजी। जिसमे शहर और बाहर से आये कलाकारों ने एक से बढ़कर एक नग्मे सुनाकर महफिल में चार चांद लगा दिए। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी तीन दिवसीय कजलिया मेला का मंदिर गाटर घाट में आयोजित किया गया है। कल पहले दिन 9 अगस्त आर्केस्ट्रा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बौलीवुड अभिनेता भोजपुरी फिल्मों के कलाकार संजय पांडे एवं एवं संप्रेषणा नाट्य मंच के सादाब भारती, जोधाराम जयसिंघानी का सम्मान किया गया। इस अवसर पर बारडोली उत्सव समिति के अध्यक्ष राज्य रजक, सचिव मनोज निगम कजलियां, मेला समारोह समिति के अध्यक्ष एडवोकेट अमित शुक्ला, सचिव अभिषेक ताम्रकार, राजा जगवानी, रमाकांत दीक्षित, सुनील मिश्रा, कोषाध्यक्ष शालिनी सोनी, वरिष्ठउपाध्यक्ष उषा पांडे, अनु शशांक श्रीवास्तव, सह सचिव सुश्री रजनी वर्मा, सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रभारी गीता पाठक, ललित सोनी, सत्य दर्शन मिश्रा,
कार्यक्रम का संचालन बारडोली उत्सव समिति के सचिव मनोज निगम ने किया।
लल्लू भैया की तलैया में भी लगा मेला
शहर का ऐतिहासिक काजलियां मेला जो लगभग 43 वर्षों से कजलियां के मेले के रुप में भव्यता के साथ मनाया जाता रहा है जिसने महिलाओं और बच्चों के साथ, साथ भारी संख्या में प्रमीण क्षेत्र से प्रमीण जनोंका आगमन होता हैं। पूर्व के वर्षोंकी भांति इस वर्ष भी कजलिया मले का आयोजन लल्लू भैया की
तलैया में आयोजित हो रहा है। मेला समिति के अध्यक्ष अर्जुन अग्रवाल, संकल्प अग्रवाल, चंद्रकांत यादव ने बताया की पूरी भव्यता और गरिमा के साथ आज विवार 10 अगस्त लल्लू भैया की तलैया में आयोजित मेले में सभी प्रकार के झूले और छोटे बच्चों के लिये खिलौनों की खान-पान की दुकानें भी व्यवसायियों द्वारा लगाई गई है। मेले में सभी धर्म वर्ग और जाति के लोग आपन सद्भावना के साथ गले मिलकर कजलियों का अदान-प्रदान करते हैं।