
लद्दाख गोलीकांड: आदेश देने वाला कौन? LAB एडवाइजर ने सरकार से मांगा जवाब। प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश किसने दिया? LAB के एडवाइजर गुलाम मुस्तफा ने उठाए सवाल। लेह-लद्दाख में हुए हिंसक प्रदर्शन में चार लोगों की मौत हो गई और 80 से ज्यादा घायल हुए हैं. प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाए जानें को लेकर भी अब सवाल उठने लगे हैं. LAB के एडवाइजर गुलाम मुस्तफा ने मांग की है कि गोली चलाने वालों पर केस दर्ज किया जाए. हिंसा के बाद लेह में रैलियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
लेह-लद्दाख में बुधवार को भड़की हिंसा में 4 लोगों की जान चली गई. केंद्र सरकार के अधिकारियों का मानना है कि सोनम वांगचुक के कारण ही पूरी हिंसा भड़की थी. इसके कारण 80 से ज्यादा लोग घायल भी हुए हैं. प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी ऑफिस और CRPF की गाड़ी में आग लगा दी. प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों में झड़प भी हुई. प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने के आदेश को लेकर अब सवाल खड़े होने लगे हैं.
लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के कानूनी सलाहकार हाजी गुलाम मुस्तफा ने प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने पर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि हमारा विरोध प्रदर्शन पिछले 5 सालों से लगातार चल रहा है. हर बार शांतिपूर्ण और हमेशा सरकार का सहयोग रहा है.
गुलाम मुस्तफा ने कहा, “हम गांधीवादी तरीके का पालन करते हैं, यह सब बहुत शांतिपूर्ण रहा है. हमारी सरकार के साथ कई बार बातचीत हुई है. मुझे समझ नहीं आ रहा है कि लोगों को गोली मारने का आदेश किसने दिया, जिसने भी लोगों पर गोली चलाई है, उसपर हत्या का केस चलाना चाहिए. इसके साथ ही पूरे मामले की जांच होनी चाहिए.
मुस्तफा ने कहा कि लद्दाख एक शांतिपूर्ण क्षेत्र है और इसे हिंसा या विरोध प्रदर्शनों से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. हम नहीं चाहते हैं कि हमें हिंसा और विरोध के लिए जाना जाए.
कल हुई हिंसा की निंदा करते हैं- गुलाम मुस्तफा
हाजी गुलाम मुस्तफा ने कहा, “इसे काले और सफेद में नहीं देखा जाना चाहिए. कल जो हुआ वह गलत है, लेकिन साथ ही, हम कल हुई हिंसा की निंदा करते हैं. हमें लगता है कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कैसे संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया है. यहां लोग नियंत्रण से बाहर हो गए. किसी को भी अंदाजा नहीं था कि ये लोग क्या करने वाले हैं.
उन्होंने कहा कि अब तक हमारे सभी विरोध प्रदर्शन और सरकार के साथ बातचीत बहुत शांतिपूर्ण रही है. हम इसे जारी रखना चाहते हैं. हम एक सीमावर्ती क्षेत्र हैं और पिछले 70 सालों से हम पाकिस्तान और चीन से लड़ते आ रहे हैं.
किन मांगों को लेकर किया जा रहा था प्रदर्शन?
लेह में हुए कल प्रदर्शनकारियों की 4 प्रमुख मांगे थीं. इन्हीं मांगों को लेकर सोनम वानसुक भी 10 सितंबर से भूख हड़ताल कर रहे हैं. इनमें लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा, 6वीं अनुसूची के तहत संवैधानिक सुरक्षा, 2 अलग-अलग लोकसभा सीट कारगिल और लेह इसके साथ ही सरकारी नौकरी में स्थानीय लोगों की भर्ती की जाए. प्रदर्शनकारी इन्हीं 4 मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे.
लेह में मार्च-रैली पर लगा बैन
लेह-लद्दाख में बुधवार को हुई हिंसा में 4 लोगों की मौत और कई लोग घायल हुए थे. इसके बाद प्रशासन ने हालात को काबू में पाने के लिए लेह में बिना अनुमति रैली, प्रदर्शन पर बैन लगा दिया है. जिले में पांच या अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 163 लागू कर दी है. दूसरी तरफ हिंसा के दूसरे दिन बाजार बंद हैं. इसके साथ ही सड़कों पर आग लगाई गईं गाड़ियां पड़ी हुई हैं.
हिंसा के लिए वांगचुक जिम्मेदार- गृह मंत्रालय
लेह-लद्दाख में हुई हिंसा के लिए गृह मंत्रालय ने सोनम वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया है. मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि कई नेताओं ने वांगचुक से हड़ताल खत्म करने की अपील की थी, लेकिन उन्होंने हड़ताल जारी रखी. मंत्रालय ने कहा कि उन्होंने अरब स्प्रिंग शैली और नेपाल में जेन-जी विरोध प्रदर्शनों का जिक्र करके लोगों को गुमराह किया. हालांकि अब तक वांगचुक के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया है.