
मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड से कटनी को मिल सकती है बड़ी सौगात: मांगी गई बाण सागर बैक वाटर में स्थित टापुओं के खसरा क्रमांक एवं रकबा की जानकारी
मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड से कटनी को मिल सकती है बड़ी सौगात: मांगी गई बाण सागर बैक वाटर में स्थित टापुओं के खसरा क्रमांक एवं रकबा की जानकारी
कटनी। मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड से कटनी को मिल सकती है बड़ी सौगात: मांगी गई बाण सागर बैक वाटर में स्थित टापुओं के खसरा क्रमांक एवं रकबा की जानकारी कटनी जिले मे बाण सागर बैक वाटर में स्थित टापुओं को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करनें के कलेक्टर अवि प्रसाद द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड ने गहरी दिलचस्पी दिखाई है।
पर्यटन सुविधाओं के विकास एवं विस्तार के कलेक्टर श्री प्रसाद के सुझाव और प्रस्ताव को बोर्ड ने माना उपयोगी
कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा विजयराघवगढ़ विकासखण्ड के अंतर्गत बरही के पास बाणसागर के बैक वाटर जलभराव क्षेत्र के टापुओं, जलसंरचनाओं में पर्यटन की अपार संभावनाओं के संबंध मे पत्र प्रेषित किया गया था। इस पर मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड ने कलेक्टर द्वारा भेजे गए सुझाव और प्रस्ताव को उपयोगी माना है।
साथ ही उन्होंने कटनी जिले मे बाणसागर बैक वाटर में स्थित टापुओं और स्थल को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने हेतु ग्राम का नाम, खसरा क्रमांक एवं रकबा की जानकारी चाही है। ताकि मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा विधिवत भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू की जा सके।
विदित हो कि बाणसागर डूब क्षेत्र में मॉ चंडिका का ऐतिहासिक मंदिर है जो कटनी एवं आस-पास के जिलों की श्रद्धा और आस्था का केन्द्र है। साथ ही कुछ ही दूरी पर बांधवगढ़ नेशनल पार्क है जहां अत्यधिक मात्रा में पर्यटकों का आवागमन निरंतर बना रहता है।
जिले के इन टापुओं में पर्यटन से संबंधित गतिवधियां शुरू हो जाने से जिले में एक नया पर्यटन केन्द्र विकसित होगा। वहीं आस-पास के लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे तथा क्षेत्र के राजस्व में वृद्धि होगी। इसके अलावा बांधवगढ़ नेशनल पार्क में आने वाले पर्यटकों के लिए भी यह स्थान आर्कषण का केन्द्र बन सकता है।
उल्लेखनीय है कि कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा कोनियां और इटौरा में जल पर्यटन की संभावनाओं के मद्देनजर बाणसागर डैम में मोटर वोट से यहां की नैसर्गिक प्राकृतिक छटा और यहां पर्यटन की अपार संभावनाओं का करीब 6 किलोमीटर की यात्रा कर यहां विकसित की जा सकने वाली पर्यटन सुविधाओं का विहंगावलोकन किया था। इसके बाद ही कलेक्टर श्री प्रसाद ने मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड को यहां की स्थानीय परिस्थितियों और संभावनाओं का प्रतिवेदन भेजा था।