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ग्रामीण स्वास्थ्य मिशिन के अंतर्गत आवंटित राशि को हड़पने का आरोप,सीएमएचओ के खिलाफ ज्वाइंट डायरेक्टर ने शुरू की जांच

ग्रामीण स्वास्थ्य मिशिन के अंतर्गत आवंटित राशि को हड़पने का आरोप,सीएमएचओ के खिलाफ ज्वाइंट डायरेक्टर ने शुरू की जां

कटनी- जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश कुमार अठ्या के खिलाफ शिकायतों की जांच शुरू हो गई है। सूत्रों के मुताबिक सीएमएचओ पर पद का दुरूपयोग करते हुए ग्रामीण स्वास्थ्य मिशिन के अन्तर्गत आवंटित राशि को हड़पने का आरोप लगाया गया है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री एवं उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने शिकायतों की जांच के लिए ज्वाइंट डायरेक्टर जबलपुर को निर्देशित किया गया है। बताया जाता है कि ज्वाइंट डायरेक्टर जबलपुर ने शिकायतों की जांच शुरू कर दी है। यह शिकायत भाजयुमो प्रदेश कार्यसमिति सदस्य दिलराज अमर सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री एवं उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला से की थी। शिकायतों में कहा गया है कि सीएमएचओ डॉ राजेश कुमार अठया द्वारा शासन द्वारा चलाये जा रहे ग्रामीण स्वास्थ्य मिशिन के अन्तर्गत संचालित योजनाओं एवं कार्यक्रम में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। नियम

विरूद्ध तरीके से बिना प्रक्रिया का पालन करते हुये भर्ती की गई है। उनको दी जाने वाले मानदेय की वसूली डॉ अठ्या के वेतन से की जावे। इसके अलावा पद का दुरूपयोग करते हुए आऊट सोर्स पर अपने सगे संबंधी एवं रिश्तेदारों की भर्ती की गई है। ग्रामीण अचंलो में स्वास्थ्य सेवायें देने के लिए बाउंड वाले डाक्टर्स की शासन द्वारा पोस्टिंग की गई, लेकिन इनके द्वारा वाऊन्डवाले डक्टरों की बिना सार्थक रैप में अटेंडेन्स लगाये पूरी सेलरी उनसे 70 प्रतिशत लेकर निकाली जा रही है।

डाक्टर्स को दी जाने सेलरी की अटेण्डेन्स सार्थक एप से वैरीफाई की जावे। शिकायतों में कहा गया है कि स्थापना शाखा में पदस्थ लिपिकों के माध्यम से कर्मचारियों की सर्विस बुक बनवाने में अवैध वसूली की जा रही है। इसके अलावा विकास खण्ड चिकित्सा अधिकारियों से फर्जी बिल लगाकर अन्टाईड फन्ड और स्वास्थ्य मेंला में आवंटित राशि का 50 प्रतिशत राशि की अवैध वसूली बीएमओ को आवंटित राशि से की जा रही है। बीएमओ द्वारा फर्जी बिल लगाकर

सीएमएचओ को आधी राशि दिए जाने का भी आरोप लगाया गया है। किराये पर लगाये गये 24 वाहनों को निर्धारित एजेंसी से फर्जी लागबुक भरकर एवं फर्जी बिल बनवाकर अवैध वसूली कर शासन को लाखों रूपये का चूना लगाया जा रहा है।

घर पर संचालित सोनोग्राफी सेंटर

घर पर संचालित सोनोग्राफी का संचालन स्वयं द्वारा किया जा रहा है और पद का दुरूपयोग करते हुए स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ आशाओं पर दबाव बनाकर जबरन गर्भवती महिलाओं को अपने सेंटर में बुलाकर 1 हजार रूपये लेकर उनकी सोनोग्राफी की जा रही है, जबकि शासन के निर्देशानुसार शासकीय अस्पताल में बिना पैसे के सोनोग्राफी किये जाने के निर्देश है, जबकि प्रशासनिक अधिकारी को प्रेक्टिस करने का अधिकार नही है।

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