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इरकॉन कंपनी ने मजदूरों को मताधिकार से रखा वंचित

इरकॉन कंपनी ने मजदूरों को मताधिकार से रखा वंचित

कटनी। लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने जहां एक ओर प्रशासन तरह-तरह की गतिविधियों के माध्यम से लोगों में जागरूकता लाने के हरसंभव प्रयास करता रहा।

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निजी कंपनियां प्रशासन की मेहनत पर पानी फेरने पर उतारू

वहीं दूसरी ओर निजी कंपनियां प्रशासन की मेहनत पर पानी फेरने पर उतारू हैं। लोकतंत्र के महापर्व आज 26 अप्रैल को जिले के तीन विधानसभा क्षेत्र सहित पड़ोसी जिला पन्ना के भी विधानसभा क्षेत्रों में वोट डाले जा रहे थे पर रेलवे के कार्य में ग्रामीण क्षेत्र के मजदूरों को उनके मताधिकार से ठेकेदार वंचित रखा गया।।

26 अप्रैल को भी ठेका कंपनी के द्धारा कराया जाता रहा काम

कटनी-बीना रेलखंड पर कैलवाराफाटक के लगभग 700 मीटर बीना की ओर रेलवे लाइन बिछाने का काम आज 26 अप्रैल को भी ठेका कंपनी के द्धारा कराया जाता रहा। इस कार्य में जिले के उन विधानसभा क्षेत्रों के लगभग एक सैकड़ा मजदूर लगे थे, जहां आज वोटिंग हो रही थी।

अवि प्रसाद के निर्देशों के बावजूद अवकाश नहीं

यह कार्य बीना-कटनी-बिलासपुर रेलखंड पर ग्रेड सेपरेटर बनाने का काम कर रही कंपनी इरकॉन द्वारा कराया जा रहा था। ठेका कंपनी के द्धारा कलेक्टर अवि प्रसाद के निर्देशों के बावजूद अवकाश नहीं दिया गया। जिसके कारण वो अपने मताधिकार का प्रयोग करने से वंचित रहे। यह बात और है कि आसपास के कुछ मजदूर सुबह मतदान करके पहुंचे तो कुछ मजदूरों को यह विश्वास था कि ठेकेदार द्वारा मतदान के लिए कार्य से छुट्टी दी जाएगी।

 

बताया जाता है कि ठेकेदार द्वारा मजदूरों को छुट्टी देने से मना कर दिया गया। जिसके कारण रीठी, बकलेहटा, संसारपुर क्षेत्र के कई मजदूर आज अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाए। गौरतलब है कि लोकतंत्र के इस महापर्व पर एक और जहां केंद्र सरकार से लेकर प्रदेश सरकार एवं शासन प्रशासन द्वारा मतदान के लिए शासकीय अवकाश घोषित किया गया है। इरकॉन कंपनी द्वारा मजदूरों को मतदान लिए अवकाश नहीं दिया जाने से शासन के निर्देश की अवहेलना है। बताया जाता है कि यह कार्य इरकान कम्पनी के हेड धर्मेन्द्र पांडे के निर्देश और एस पी सिंह के मार्गदर्शन में ठेकेदार अमित दूबे द्वारा कराया जा रहा था।

लल्लू लोधी, धर्मेंद्र आदिवासी ने बताई ठेकेदार की मनमानी

काम में लगे रीठी क्षेत्र के बकलेहटा गांव निवासी सोहन आदिवासी व एवं अन्य मजदूरों का कहना है कि कंपनी द्वारा उन्हें छुट्टी नहीं दी गई, जिसके कारण मतदान नहीं कर पाए लेकिन शाम को यदि छुट्टी होती है और मतदान का समय शेष बचता है तो मतदान अवश्य करेंगे।

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