ढीमरखेड़ा क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक गांवों में फैला संक्रमण
कटनी। ढीमरखेड़ा तहसील क्षेत्र के गांवों में उल्टी-दस्त का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। दो मौतों के बाद रविवार को फिर छोटा कछारगांव ग्राम में एक मासूम बच्ची की मौत हो गई। इस गांव में यह दूसरी मौत है। लगातार हो रही मौतों के कारण ग्रामीण दहशत में हैं और संक्रमण फैलने से परेशान हैं।
हालांकि स्वास्थ्य विभाग की टीम ने यहां जांच शिविर लगाया है और मरीजों को चिन्हित कर दवाएं वितरित की गई हैं। इसके अलावा इन दोनों गांवों सहित आसपास के अन्य गांवों में रविवार को 27 मरीज मिले हैं।
जानकारी के अनुसार छोटा कछारगांव निवासी रामवकील कोरी की तीन वर्षीय पुत्री सुहानी कोरी उल्टी-दस्त का शिकार हो गई थी। परिजन उसे रविवार को उमरियापान में अस्पताल लेकर पहुंचे।
यहां उपचार कराने के बाद जब वे घर लौटे तो कुछ ही देर बाद मासूम ने दमतोड़ दिया। स्वास्थ्य विभाग की टीम जब इस गांव में जांच करने पहुंची तो उन्हें मौत की जानकारी लगी।
बीएमओ वीके प्रसाद ने बताया कि मृतिका सुहानी कोरी उल्टी-दस्त व कुपोषण की शिकार थी। परिजनों ने प्राइवेट डॉक्टर से रविवार सुबह ही उपचार कराया और घर में उसकी मौत हो गई।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व फगुनी बाई पति किशोरी कोल (60) को भी उल्टी दस्त होने पर गुरुवार रात उमरियापान अस्पताल में भर्ती कराया। उपचार के दौरान शनिवार सुबह करीब महिला ने दम तोड़ दिया था। इसके अलावा घाना ग्राम पंचायत के सुनारखेड़ा निवासी पूजा पति रजनीश कोल (30) को उल्टी दस्त की शिकायत होने पर शुक्रवार सुबह उमरियापान अस्पताल में परिजनों ने भर्ती कराया। शनिवार सुबह महिला की मौत हो गई थी।
शिविर में मिले मरीज, कई खुद पहुंचे अस्पताल- तहसील क्षेत्र के गांवों में उल्टी-दस्त का प्रकोप और दो की मौत के बाद स्वास्थ्य अमला सक्रिय है। रविवार को ग्राम छोटा कछारगांव में शिविर लगाया गया। 50 से अधिक ग्रामीणों की जांच कर दवाई दी गई।
यहां से छह संक्रमित ग्रामीणों को चिन्हित कर उमरियापान अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके अलावा ग्राम कोठी में भी घर-घर जाकर जांच की गई। यहां छह मरीज चिन्हित कर स्थानीय स्तर पर ही इलाज किया गया। इसके अलावा उमरियापान अस्पताल में आसपास नैगवां, परसेल, घुघरी, इटमा, उमरियान करौदी आश्रम से मरीज पहुंचे। उल्टी-दस्त के शिकार 15 ग्रामीणों को भर्ती किया गया।
बीमारी की वजह नहीं तलाश पाए अफसर
तहसील क्षेत्र के एकदर्जन गांवों में फैली इस बीमारी की वजह अफसर नहीं तलाश पाए है। जिम्मेदार अधिकारी खान-पान को ही दोष दे रहे है। सीएमएचओ डॉ. आरके आठ्या, एसडीएम विंकी सिहंमारे तहसीलदार आशीष अग्रवाल, बीएमओ डॉ. वीके प्रसाद रविवार को कोठी, छोटा कछारगांव पहुंचे और ग्रामीणों से चर्चा की। ग्रामीणों को बीमारी से बचाव के तरीके बताए और खानपान को लेकर उचित सलाह दी।
एक बच्चे को जबलपुर किया रेफर
बीएमओ ने बताया कि सुनारखेड़ा में मृतिका पूजा के परिजनों की जांच की गई है। मृतिका के पति रजनीश कोल का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कछारगांव में उपचार जारी है। उसकी बेटी राशि (3) व रिया (5) भी पीड़ित मिले। तीनों का इलाज स्थानीय स्तर वपर चल रहा है। जबकि रजनीश कोल के भांजे अरूण कोल (11) की स्थिति गंभीर होने पर उसे जबलपुर रेफर कर दिया गया है।