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कन्या महाविद्यालय में धूमधाम से मना स्वतंत्रता दिवस 

कन्या महाविद्यालय में धूमधाम से मना स्वतंत्रता दिवस

कटनी-शासकीय  महाविद्यालय, में 15 अगस्त  को स्वतंत्रता दिवस समारोह प्राचार्य डॉ. चित्रा प्रभात के मार्गदर्शन में हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भारत माता के तैल चित्र पर तिलक लगाकर माल्यार्पण किया गया, जिसके पश्चात प्राचार्य द्वारा ध्वजारोहण किया गया। समस्त छात्राओं और स्टाफ ने एक स्वर में राष्ट्रगान गाकर देशभक्ति का उत्साह प्रदर्शित किया।
प्राचार्य डॉ. चित्रा प्रभात ने अपने उद्बोधन में स्वतंत्रता दिवस के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में शहीदों ने अपने प्राणों की आहुति देकर देश को आजादी दिलाई। उन्होंने छात्राओं और स्टाफ को प्रेरित करते हुए कहा कि देश को स्वतंत्र और समृद्ध बनाए रखना हम सभी का दायित्व है। उनके विचारों ने सभी में देशभक्ति की भावना को और प्रबल किया।
वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. साधना जैन ने अपने संबोधन में स्वतंत्रता संग्राम के उन वीर जवानों को याद किया, जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया। उन्होंने छात्राओं को प्रेरणा देते हुए कहा कि हमें निरंतर गतिशील रहकर देश के विकास में योगदान देना चाहिए। उनके शब्दों ने उपस्थित सभी में जोश और उत्साह का संचार किया।
कार्यक्रम में छात्राओं ने देशभक्ति से ओतप्रोत गीत, भाषण और विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं, जिन्होंने समारोह में चार चांद लगा दिए। इन प्रस्तुतियों में छात्राओं ने अपनी प्रतिभा और देश के प्रति अपने प्रेम को बखूबी दर्शाया। समारोह में उपस्थित सभी लोगों ने इन प्रस्तुतियों की सराहना की और उत्साहपूर्वक भाग लिया।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त स्टाफ की सक्रिय भागीदारी रही। डॉ. विमला मिंज, डॉ. किरण खरादी, डॉ. रश्मि चतुर्वेदी, डॉ. अमिताभ पांडेय, श्रीमती वंदना मिश्रा, डॉ. आर.के. गुप्ता, श्री के.जे. सिन्हा, श्री सुनील कुमार, श्री बिनेश कुमार यादव, श्री नागेंद्र यादव, श्री पंकज सेन सहित अन्य स्टाफ सदस्य भी उपस्थित रहे ।
कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉ. रीना मिश्रा ने किया, जिन्होंने अपने प्रभावी संचालन से समारोह को व्यवस्थित और आकर्षक बनाए रखा। समारोह के समापन पर संयोजक श्रीमती वंदना मिश्रा ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। यह स्वतंत्रता दिवस समारोह न केवल देशभक्ति का प्रतीक बना, बल्कि महाविद्यालय की एकता और उत्साह को भी दर्शाता रहा।

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