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Dushman Ka Aant Turant: परमाणु की धमकी देने वाले ईरान में घुसकर कैसे हुआ इजराइल के सबसे बड़े दुश्मन का अंत

Dushman Ka Aant Turant: परमाणु की धमकी देने वाले ईरान में घुसकर कैसे हुआ इजराइल के सबसे बड़े दुश्मन का अंत

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Dushman Ka Aant Turant: परमाणु की धमकी देने वाले ईरान में घुसकर कैसे हुआ इजराइल के सबसे बड़े दुश्मन का अंत। ईरान के अर्धसैनिक बल ‘रिवोल्यूशनरी गार्ड’ ने बुधवार को कहा कि तेहरान में हमास नेता इस्माइल हानिया की हत्या कर दी गई है. हालांकि, ‘रिवोल्यूशनरी गार्ड’ ने यह नहीं बताया कि हनिया की हत्या कैसे हुई और उसे किसने मारा. हानिया ईरान की राजधानी तेहरान में था. वो राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए पहुंचा था।

इजराइल के सबसे बड़े दुश्मन आतंकी संगठन हमास के चीफ इस्माइल हानिया का अंत हो गया है. हानिया की मौत ईरान की राजधानी तेहरान में हुए एक हमले में हुई. इस्माइल हानिया मिसाइल अटैक में मारा गया है. वह तेहरान में रुका हुआ था. हमला बुधवार तड़के हुआ. हमले में उसका बॉडीगार्ड भी मारा गया है. हानिया ईरान के राष्ट्रपति की शपथ में शामिल होने के लिए तेहरान में था।

हानिया की मौत पर हमास का बयान भी सामने आया है. आतंकी संगठन की ओर से कहा गया है कि हानिया की हत्या कायरतापूर्ण कृत्य है. हमास ने हानिया की मौत में इजराइल का हाथ होने की बात कही है. उधर, ईरान रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) ने कहा हमला बुधवार तड़के किया गया है. घटना के कारण का पता लगाने के लिए जांच चल रही है. बयान में हमास नेता की मौत पर फिलिस्तीन के लोगों, मुस्लिम जगत और हमास के लड़ाकों के प्रति संवेदना व्यक्त की गई.

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परमाणु की धमकी देते रहता है ईरान

ईरान वो मुल्क है जो पश्चिमी देशों को परमाणु की धमकी देता रहता है. वो अमेरिका और उसके दोस्त इजराइल को आंख दिखाता है. हूती, हमास और हिजबुल्लाह जैसे आतंकी संगठनों को वो शह देता है. वो सीधे ना तो इजराइल से जंग लड़ रहा और ना ही अमेरिका से, लेकिन उसकी मदद से ही तीनों संगठन इजराइल ही नहीं अमेरिका और कई पश्चिमी देशों से पंगा ले रहे हैं।

हानिया के बारे में जानिए?

हानिया आतंकी संगठन हमास का नेता था. वह नए ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान के शपथ ग्रहण के लिए ईरान का दौरा कर रहा था. हानिया के तीन बच्चों की मौत इस साल अप्रैल में हुई थी. वहीं, पिछले महीने उसकी बहन की मौत हुई थी.

हानिया का जन्म 1962 में गाजा पट्टी के अल-शती शरणार्थी शिविर में हुआ था. उसने गाजा इस्लामिक विश्वविद्यालय में अरबी साहित्य का अध्ययन किया और फिर वह हमास से जुड़ गया. वह 2006 में हमास के चुनाव जीतने के बाद संगठन का नेता बना, जब हमास ने फिलिस्तीनी विधानसभा चुनावों में बहुमत सीटें जीती थीं.

हानिया के गाजा स्थित निवास को आतंकवादी बुनियादी ढांचे के रूप में इस्तेमाल किया जाता था. नवंबर में आईडीएफ के हवाई हमले में वो भी प्रभावित हो गया था. हानिया आमतौर पर कतर में रहता था. हानिया की मौत पर इजराइल के मंत्री Amihai Eliyahu ने कहा है कि दुनिया अब कुछ हद तक अच्छी होगी. उन्होंने कहा कि दुनिया को इस गंदगी से साफ करने का यही सही तरीका है. उन्होंने कहा कि इन नश्वर लोगों के लिए कोई दया नहीं.

 
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Ashutosh shukla

30 वर्षों से निरन्तर सकारात्मक पत्रकारिता, संपादक यशभारत डॉट काम

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