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Holika Dahan Shubh Muhurat 700 सालों के बाद होलिका दहन पर 9 शुभ योग बन रहे

Holika Dahan Shubh Muhurat 700 सालों के बाद होलिका दहन पर 9 शुभ योग बन रहे

Holika Dahan Shubh Muhurat होलिका दहन की पूजा प्रदोष काल में की जाती है। पूर्णिमा युक्त और भद्रा रहित मुहूर्त में ही होलिका दहन सम्पन्न किया जाता है। इस साल लगभग 700 सालों के बाद होलिका दहन पर 9 शुभ योग बन रहे हैं। होलिका दहन के अगले दिन रंग वाली होली खेली जाती है। आइए जानते हैं होलिका दहन का शुभ मुहूर्त, विधि, कथा, सामग्री लिस्ट, मंत्र और उपाय-

होलिका दहन पर दुर्लभ संयोग 
होलिका दहन के दिन लक्ष्मी, सर्वार्थ सिद्धि, शश महापुरुष, वरिष्ठ, पर्वत,उभयचरी, अमला, सरल और केदार योग बन रहे हैं। माना जा रहा है। शुभ योगों का अद्भुत संयोग लगभग 700 सालों के बाद बना है।

होलिका दहन शुभ मुहूर्त 
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – मार्च 24, 2024 को 09:54 ए एम बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त – मार्च 25, 2024 को 12:29 पी एम बजे
होलिका दहन शुभ मुहूर्त – 11:13 पी एम से 12:12 ए एम, मार्च 25
अवधि – 00 घण्टे 59 मिनट्स
रंगवाली होली- सोमवार, मार्च 25, 2024 
भद्रा पूँछ – 06:33 पी एम से 07:53 पी एम
भद्रा मुख – 07:53 पी एम से 10:06 पी एम

होलिका दहन पूजन सामग्री-
अक्षत, गंध, गुड़, फूल, माला, रोली, गुलाल, कच्चा सूत, हल्दी, एक लोटे में जल, नारियल, बताशा, गेहूं की बालियां और मूंग आदि।

होलिका पूजन मंत्र
होलिका मंत्र- ओम होलिकायै नम:
भक्त प्रह्लाद मंत्र- ओम प्रह्लादाय नम:
भगवान नरसिंह के लि मंत्र- ओम नृसिंहाय नम:

होलीका दहन विधि 
होलिका के पास पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठकर कच्चे सूत को होलिका के चारों ओर तीन या सात परिक्रमा करते हुए लपेटें। रोली, चावल से तिलक कर घर पर बने मिष्ठान और देसी घी की अठावरी का भोग लगाकर जल अर्पित कर होलिका और भक्त प्रहलाद की जय का उद्घोष करें। पूजन के बाद हाथ में शुद्ध जल का लोटा लेकर परिक्रमा कर अर्घ्य दें। होलिका में आहुति के लिए कच्चे आम, नारियल, भुट्टे या सप्तधान्य एवं नई फसल का कुछ भाग प्रयोग करें।

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