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मकान आवंटन में दिव्यांगजन को 4% आरक्षण, मंत्रालय का ऐतिहासिक फैसला

मकान आवंटन में दिव्यांगजन को 4% आरक्षण, मंत्रालय का ऐतिहासिक फैसला

मकान आवंटन में दिव्यांगजन को 4% आरक्षण, मंत्रालय का ऐतिहासिक फैसला। आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने समावेशी शासन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है. मंत्रालय ने ऐलान किया है कि केंद्र सरकार के आवास के आवंटन में दिव्यांगजन व्यक्तियों को 4% का आरक्षण प्रदान किया जाएगा, जो सार्वजनिक सेवाओं में समानता, सम्मान और सुलभता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

मकान आवंटन में दिव्यांगजन को 4% आरक्षण, मंत्रालय का ऐतिहासिक फैसला

दिव्यांगजन व्यक्तियों के अधिकार (RPwD) अधिनियम, 2016 के अनुरूप, संपदा निदेशालय ने विकलांग व्यक्तियों के लिए केंद्र सरकार के आवासीय आवासों तक उचित पहुंच सुनिश्चित करने के लिए एक कार्यालय ज्ञापन जारी किया है.

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यह पहल न केवल प्रत्येक नागरिक के सशक्तिकरण के लिए सरकार के समर्पण को दर्शाती है, बल्कि एक समावेशी और सुलभ भारत की नींव को भी मजबूत करती है.

जून, 2015 में शुरू हुई है PMAY-U

बता दें कि सभी के लिए आवास की सुविधा प्रदान करने के लक्ष्य के साथ आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय भारत सरकार 25 जून, 2015 से प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी (PMAY-U) शुरू की है. इस योजना का उद्देश्य ‘सभी के लिए आवास’ उपलब्ध कराना है.

मूल मिशन अवधि पहले 31 दिसंबर 2022 तक थी, जिसे 31 मार्च,.2022 तक स्वीकृत घरों को पूरा करने के लिए 31 दिसंबर, 2025 तक बढ़ा दिया गया है. इस योजना के वित्तपोषण पैटर्न और कार्यान्वयन पद्धति में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

मिशन के तहत मंत्रालय शहरी क्षेत्रों में झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस), निम्न आय वर्ग (एलआईजी) और मध्यम आय वर्ग (एमआईजी) श्रेणियों से संबंधित अन्य लोगों की आवास आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को केंद्रीय सहायता प्रदान कर रहा है. जिन श्रेणियों को फिलहाल इस योजना से लाभ मिल रहा है. वे इस तरह हैं-

आवास योजना के तहत किन्हें मिल रहे हैं लाभ

  1. लाभार्थी-नेतृत्व वाले व्यक्तिगत आवास निर्माण या संवर्द्धन (बीएलसी): इस कार्यक्षेत्र के तहत, ईडब्ल्यूएस श्रेणियों से संबंधित व्यक्तिगत पात्र परिवारों को 1.5 रुपए लाख की केंद्रीय सहायता प्रदान की जाती है.

  2. सार्वजनिक या निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी में किफायती आवास (एएचपी): भारत सरकार द्वारा प्रति ईडब्ल्यूएस घर के लिए 1.5 लाख रुपए की केंद्रीय सहायता उन परियोजनाओं में प्रदान की जाती है, जहां परियोजनाओं में कम से कम 35% घर ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए हैं और एक परियोजना में कम से कम 250 घर हैं.

  3. “इन-सीटू” स्लम पुनर्विकास (आईएसएसआर): निजी डेवलपर की भागीदारी के साथ संसाधन के रूप में भूमि का उपयोग करके इन-सीटू स्लम पुनर्विकास के कार्यक्षेत्र के तहत पात्र झुग्गी निवासियों के लिए बनाए गए सभी घरों के लिए प्रति घर 1 लाख रुपए का स्लम पुनर्विकास अनुदान स्वीकार्य है.

  4. क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (सीएलएसएस): आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस)/निम्न आय समूह (एलआईजी), मध्यम आय समूह (एमआईजी)-I और मध्यम आय समूह (एमआईजी)-II से संबंधित पात्र लाभार्थियों के लिए क्रमशः6 लाख, ₹9 लाख और 12 लाख तक की ऋण राशि पर 6.5%, 4% और 3% की ब्याज सब्सिडी पर दी जाती है, जो बैंकों, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों और अन्य ऐसी संस्थाओं से आवास ऋण लेना चाहते थे.

 

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