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Heavy Rain In Katni कटनी में जारी मूसलाधार बारिश, चिंता में लोग प्रशासन अलर्ट पर निचले इलाकों में भरा पानी, शहडोल उमरिया में हालत बिगड़े

Heavy Rain In Katni कटनी में जारी मूसलाधार बारिश दोपहर से फिर अनवरत जारी है। बारिश के साथ आसमान पर चमकती बिजली बादलों की गड़गड़ाहट लोगों को डरा रही है। स्थानीय लोगों का मानना है कि ऐसी ही रफ्तार में बारिश जारी रही तो निचले इलाकों में जलाप्लावन के हालात पैदा हो जाएंगे। कटनी नदी सिमरार तथा उमरार में जल स्तर फिलहाल तो डराने की स्थिति में नहीं लेकिन यही स्थिति रही तो बाढ़ का खतरा भी पैदा हो सकता है। पानी भरने को लेकर प्रशासन चिंतित है। बीते करीब 2 घण्टे से एक सी रफ्तार में बारिश ने कटनी की अंडर पाथ पुलिया गायत्री नगर मंगलनगर एनकेजे आदि में पानी भर दिया है। मिशन चौक में भी पानी भरा है।

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झिंझरी और लखेरा बारडोली कॉलेज के पास की निचली बस्तियों में भी पानी भर गया

झिंझरी और लखेरा बारडोली कॉलेज के पास की निचली बस्तियों में भी पानी भर गया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि उन्होंने कई बार अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।

नगर निगम कमिश्नर नीलेश दुबे ने बताया कि पहले से ही कई बड़े नालों का निर्माण कराया गया था। जहां भी जलभराव की हालात बनेगी, वहां जल्द जल निकासी का काम किया जाएगा। जिले में अब तक 276.7 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है।

ढीमरखेड़ा तहसील क्षेत्र में तीन दिनों से लगातार बारिश

कटनी की ढीमरखेड़ा तहसील क्षेत्र में तीन दिनों से लगातार बारिश होने के कारण क्षेत्र के नदी नाले उफान पर हैं। बारिश के कहर का असर आमजन के साथ अन्नदाताओ पर भी देखने को मिल रहा है। खेतों में सड़ रही मूंग, उड़द की फसल, धान ओर अन्य फसलों की बुआई नहीं कर पा रहे हैं। पर्याप्त मात्रा में खाद भी न मिलने की जानकारी सामने आई है। इसी तरह बारिश हुई तो देर शाम और रात तक नदियों में बाढ़ आने की संभावना रहेगी। साथ ही आगामी दो-तीन दिन किसान खेती भी नहीं कर पाएंगे।

बारिश में खेती न करने की सलाह

कृषि विभाग के एस ए डी ओ मोहन सिंह श्याम ने बताया कि लगातार तीन दिन से हो रही बारिश का असर किसानों के ऊपर है। उनके लिए नगद विक्रय केंद्र में खाद्य की व्यवस्था बनाई गई है। ग्रीष्मकालीन फसलों में हुए नुकसान की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को है। शासन से सर्वे के निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं। बारिश की स्थिति देखते हुए ही खेती करनी चाहिए वरना नुकसान की संभावना हो सकती है।

पुल के ऊपर जमा हुआ मलबा

वहीं शिलौंडी और नेगई गांव के बीच सुआ नदी में दो दिन पहले आई बाढ़ के कारण पुल के ऊपर जमा मिट्टी के कारण राहगीरों को आवागमन में तकलीफ हो रही थी। जिसके बाद ग्रामीणों ने पुल की साफ-सफाई की और अधिकारियों पर मनमानी का आरोप लगाया। उनका कहना है कि 3 साल से बड़ा पुल स्वीकृत है लेकिन अधिकारी इसका निर्माण नहीं करवा रहे हैं। छोटे पुल होने के कारण बारिश में आए दिन समस्या बनी रहती है।

बारिश ने कई जगह भारी तबाही मचाई

उधर मध्य प्रदेश की बात करें तो बीते कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश ने कई जगह भारी तबाही मचाई है। शहरों में जहां सड़क जलमग्न हो गए हैं, सड़कें धंसकर सुरंग बन गई है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी हाहाकार मचा हुआ है। कई इलाकों में पुल के ऊपर पानी बहने से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। गांव की रोड कीचड़ में तब्दील हो गई है। वहीं कुछ जगहों पर तो मवेशी और इंसानों के बहने की खबरें भी आई हैं।

जिले में 1 जून से 5 जुलाई तक 276.7 मिलीमीटर औसत वर्षा

जिले में 1 जून से 5 जुलाई तक 276.7 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है। स्लीमनाबाद तहसील में सबसे अधिक 411.2 मिलीमीटर (16.1 इंच) बारिश हुई है। पिछले साल इसी अवधि में 108.8 (4 इंच) मिलीमीटर वर्षा हुई थी। इस साल बारिश में 12 इंच की वृद्धि हुई है।

तहसीलों में वर्षा का आंकड़ा

रीठी में 313.8 मिलीमीटर (12 इंच), ढीमरखेड़ा में 329.7 मिलीमीटर (13 इंच), बड़वारा में 267 मिलीमीटर (10.2 इंच), विजयराघवगढ़ में 267.1 मिलीमीटर (12 इंच), कटनी में 220.6 मिलीमीटर (8.9 इंच), बरही में 203 मिलीमीटर (8 इंच) और बहोरीबंद में 199.1 मिलीमीटर (8 इंच) वर्षा दर्ज की गई है।

शहडोल में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश

शहडोल में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश अब जानलेवा साबित हो रही है। शनिवार सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना कोतवाली थाना क्षेत्र के पोंडा नाला के पास सामने आई। जहां तेज बहाव में एक कार बह गई। इस दौरान वाहन में एक ही परिवार के चार सदस्य सवार थे, जो पानी की तेज धार में बहते चले गए। शहडोल रेलवे स्टेशन में पानी भर गया है।

जोहिला डैम जल स्तर खतरे के निशान के ऊपर

उमरिया में बीते 24 घंटों से उमरिया जिला ऑरेंज अलर्ट पर है। जिले के पाली क्षेत्र के मंगठार में जोहिला नदी पर बना जोहिला डैम जल स्तर खतरे के निशान के ऊपर है। संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र के लिए बने डैम के 4 गेट खोले गए हैं। निचली बस्तियों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। डैम में पाली और नौरोजाबाद पुलिस का बल लगाया गया है।

 

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