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गर्मी ने रोके वोटरों के कदम, प्रशासन के हरसंभव प्रयास के बावजूद नहीं बढ़ा मतदान प्रतिशत

कटनी। लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत में भीषण गर्मी का असर देखने को मिलता है। अप्रैल, मई, जून में चुनाव होने के कारण सात बार लोकसभा के चुनाव में ऐसे मौके आए जब कम मतदान हुआ।

वैसे तो गर्मी मई व जून में असर दिखाती थी लेकिन इस बार अप्रैल में ही तापमान 40 डिग्री के आसपास चल रहा है। इसका असर मतदान प्रतिशत में भी देखने को मिला। जिले की तीन विधानसभा क्षेत्रों विजयराघवगढ़, मुड़वारा व बहोरीबंद में शाम 6 बजे तक 50 से 55 फीसदी मतदान हुआ।

हालांकि मतदान प्रतिशत 60 फीसदी तक जाने का अनुमान है। मतदान प्रतिशत न बढऩे का कारण भीषण गर्मी थी, जिसने काफी संख्या में मतदाताओं के कदम रोक लिए। हालांकि लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के साथ ही यह अनुमान लगाया जा रहा था कि गर्मी के तेवर एक बार फिर से मतदान में कहीं बाधा न बन जाए। आमतौर पर लोकसभा के अधिकांश चुनाव अप्रैल, मई, जून में ही हुए है। अप्रैल, मई, जून में चुनाव होने के कारण सात बार लोकसभा के चुनाव में ऐसे मौके आए जब 50 प्रतिशत कम मतदान हुआ। वहीं मतदान कम होने का एक प्रमुख कारण मतदान केंद्रों का दूर होना भी था। पहले घर से करीब पांच से सात किलोमीटर दूर लोगों को मतदान करने के लिए जाना पड़ता था तो वह मतदान करने की वजह छुट्टी मनाने लगते थे। इसके साथ ही एक कारण जागरुकता की कमी भी होती थी लेकिन अब चुनाव से एक साल पहले ही मतदाताओं को जिला प्रशासन की ओर से जागरूक किया जाने लगता है।

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