Health Tips With Jyotish Shastra : बीमारी में दवा भी नहीं कर रही काम? ग्रहों की स्थिति हो सकता है बड़ा कारण, जानें कैसे करें ठीक। बीमारियों का सिलसिला तो जीवन में चलता रहता है. इंसान का शरीर एक मशीन है जिसमें बीमारी रूपी खराबी आना स्वभाविक है. कई बार ऐसा होता है कि व्यक्ति लंबे समय तक बीमार रहता है और दवाइयों का भी कुछ खास असर नहीं पड़ता है. ऐसे में इस स्थिति के पीछे का कारण ज्योतिष शास्त्र हो सकता है. सूर्य वैसे तो आरोग्य देने वाले होते हैं लेकिन कुंडली में सूर्य ग्रह कमजोर होने से व्यक्ति बीमारियों से घिरा रहता है. वहीं, कुंडली में ग्रहों की स्थिति बीमारी का मुख्य कारण हो सकती हैं. आज हम आपको राशियों के मुताबिक उपाय बताएंगे जिसे अपनाकर आप अपने ग्रहों की स्थिति को ठीक कर सकते हैं.
1. मेष राशि
मेष राशि और लग्न के स्वामी मंगल होते हैं. मंगल के साथ शुक्र की युति यदि कुंडली के बारहवें और छठे स्थान पर है तो व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है. ऐसे लोगों को आलस्य के चलते कई बीमारियों से शिकार होना पड़ता है.
उपाय- हनुमान जी को प्रत्येक मंगलवार के दिन मीठे का भोग लगाएं. सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ पूजा में जोड़ लें.
2. वृष राशि
वृष राशि और लग्न का स्वामी शुक्र होता है. अगर शुक्र कुंडली में पांचवें स्थान में बैठ जाए तो ऐसी स्थिति में व्यक्ति को दिमाग संबंधी परेशानी हो सकती है. ऐसा व्यक्ति मानसिक रूप से चिंतित रहता है. पाचन तंत्र बिगड़ जाता है.
उपाय- शुक्र को मजबूत करने के लिए प्रत्येक शुक्रवार के दिन चीनी और चावल का दान करना चाहिए. इसके अलावा हीरा धारण करने से शुक्र मजबूत होता.
3. मिथुन राशि
मिथुन लग्न में भी लग्नेश बुध दशम भाव में हो तो वह चतुर्थ भाव का स्थायी होकर नीच का होगा. ऐसे व्यक्ति फेफड़े, सांस की नली, अंतड़ियों और दमा रोग से पीड़ित हो सकते हैं. इन लग्न वालों को वायु रोग या सांस से संबंधित बीमारी भी हो सकती है.
उपाय: पन्ना धारण करना चाहिए. इसके अलावा श्री विष्णु जी की उपासना भी कर सकते हैं.
4. कर्क राशि
कर्क लग्न में अगर लग्नेश पंचम भाव में हो तब उन्हें अधिकतर गैस, ब्लड प्रेशर, और पेट से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं.
उपाय: रत्न में मोती धारण करना चाहिए. पूर्णिमा के दिन चंद्र दर्शन करने से भी कर्क लग्न वालों की लग्न मजबूत होती है.
5. सिंह राशि
सिंह लग्न में लग्नेश के कमजोर होने से नेत्र, हृदय एवं हड्डी संबंधित बीमारी होने की आशंका बढ़ जाती है.
उपाय- ऐसे जातकों को माणिक्य धारण करना चाहिए. इसके अलावा रोज सुबह सूर्य के दर्शन करने चाहिए.
6. कन्या राशि
कन्या लग्न वालों का बुध सातवें भाव में नीच का होने से व्यक्ति की पीठ में किसी प्रकार की समस्या हो सकती है. इसके साथ-साथ पित्त, लिवर या याददाश्त से जुड़ी परेशानियां भी झेलनी पड़ सकती हैं.
उपाय- आप पन्ना धारण करे सकते हैं. इसके अलावा भगवान नारायण की उपासना भी लाभदायक हो सकती है.
- तुला राशि
तुला लग्न और राशि में शुक्र स्वामी होते हैं, ऐसे में यदि कुंडली के बारहवें भाव में बैठ जाएं तो व्यक्ति नशीले पदार्थों का सेवन करने में फंस सकता है. वहीं, किडनी से संबंधित रोग भी हो सकते हैं.
उपाय- ऐसे लोगों कोहीरा धारण करना चाहिए. प्रत्येक शुक्रवार के दिन देवी दर्शन करें और किसी कन्या को मीठा दें.
8. वृश्चिक राशि
वृश्चिक लग्न में मंगल यदि राहु से पीड़ित हो जाए तो सर्जरी भी करानी पड़ जाती है. हाई बीपी की समस्या से भी शिकार हो सकते हैं.
उपाय – मूंगा पहनना सबसे अच्छा उपाय है. गुड़ का दान और उसका सेवन भी कर सकते हैं.
9. धनु राशि
धनु लग्न में यदि गुरु पीड़ित होकर पांचवें स्थान में राहु के साथ बैठ जाएं तो व्यक्ति को पेट से संबंधित रोगों के साथ ही महिलाओं को गर्भधारण करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
उपाय- पुखराज रत्न धारण कर सकते हैं साथ ही गाय को चारा खिलाना चाहिए.
10. मकर राशि
मकर राशि और लग्न में शनि लग्न और आठवें स्थान में सूर्य के साथ यदि बैठें हैं या उन पर सूर्य की दृष्टि है तो ऐसा व्यक्ति क्रोध के कारण रोगों से घिर सकता है.
उपाय- नीलम रत्न धारण करना चाहिए. दिव्यांग की समय समय पर मदद करें.
11. कुंभ राशि
कुंभ लग्न की बात की जाए तो यदि तीसरे स्थान में शनि का होने का मतलब है की वह नीच के होकर आपकी इम्यूनिटी को कमजोर करेंगे और हाथों में चोट या दर्द का शिकार होना पड़ेगा.
उपाय- रत्नों में नीलम पहनना लाभकारी होगा. इसके अलावा आप जानवरों की सेवा भी कर सकते हैं.