
Gyanvapi Mosque वाराणसी से आज की बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां ज्ञानवापी मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट हिन्दू और मुस्लिम पक्ष को सौंप दी गई है। यह सर्वे कोर्ट के आदेश पर आर्किलाजीकल सर्वे विभाग एएसआई ने किया था। रिपोर्ट सीधे कोर्ट में सबमिट हुई फिर दोनों पक्षों ने इस रिपोर्ट को पढ़ने के लिए उपलब्ध कराने की मांग की जिसके बाद आज एएसआई की यह महत्वपूर्ण रिपोर्ट दोनो पक्षों को सौंपी गई। इस सर्वे में कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। आपको बता दें कि ज्ञानवापी में हिन्दू पक्ष शिव मंदिर होने का दावा करता है। हिन्दू पक्ष ने रिपोर्ट उनके पक्ष में होने का दावा किया है।
अयोध्या की तरह काशी के ज्ञानवापी में भी मिला मंदिर का ढांचा,
ज्ञानवापी प्रकरण में ASI ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ने एएसआई की रिपोर्ट पढ़ते हुए कहा है कि एएसआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यह कहा जा सकता है कि यहां जो अभी मस्जिद है। इससे पहले यहां एक काफी बड़ा मंदिर रहा होगा। यह भी कहा गया है कि सर्वे के दौरान देवी-देवताओं की मूर्तियों के निशान भी मिले हैं।
#WATCH | Varanasi, Uttar Pradesh | Advocate Vishnu Shankar Jain, representing the Hindu side, gives details on the Gyanvapi case.
He says, "The ASI has said that there existed a large Hindu Temple prior to the construction of the existing structure. This is the conclusive… pic.twitter.com/rwAV0Vi4wj
— ANI (@ANI) January 25, 2024
Gyanvapi Survey
पुरातत्व विभाग की टीम ने करीब 136 दिनों तक अध्ययन कर 1600 पेज की ये रिपोर्ट तैयार की है. ये रिपोर्ट गुरुवार को कोर्ट में खोली गई. कोर्ट ने सभी पक्षों को रिपोर्ट की कॉपी देने को कहा था. हैदराबाद के साथ अमेरिका के वैज्ञानिकों ने जीपीआर तकनीक के जरिये 10 मीटर तक गहराई तक अध्ययन किया था.
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी परिसर की भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की सर्वे रिपोर्ट बुधवार को जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्ववेश की अदालत ने सार्वजनिक कर दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, ज्ञानवापी में मंदिर का स्ट्रक्चर मिला है। इस पर हिंदू पक्ष ने खुशी जताई है। उनका कहना है कि बाबा मिल गए हैं। सर्वे रिपोर्ट से सब कुछ साफ हो गया। मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई, यह भी पता चल गया। अब हिंदुओं को पूजा-पाठ की अनुमति मिलनी चाहिए। दूसरी तरफ से मुस्लिम पक्ष ने कानूनी लड़ाई को आगे बढ़ाने का एलान किया है।
ज्ञानवापी से संबंधित मां शृंगार गौरी मूल वाद की सुनवाई 14 जुलाई को पूरी कर ली थी। इसके बाद पत्रावली को आदेश के लिए सुरक्षित रख लिया था। जिला जज की अदालत ने 23 जुलाई को आदेश सुनाया। हिंदू और मुस्लिम पक्ष की मौजूदगी में अदालत ने रडार तकनीक एएसआई से सर्वे कराने का आवेदन मंजूर किया था। साथ ही, एएसआई के निदेशक को सर्वे कराने के लिए आदेशित किया था। अदालत ने कहा कि किसी तरह की क्षति पहुंचाए बगैर वैज्ञानिक तरीके से सर्वे कराया जाए।