शासकीय कन्या महाविद्यालय में मनाया गया गुरुपूर्णिमा उत्सव
शासकीय कन्या महाविद्यालय में मनाया गया गुरुपूर्णिमा उत्सव

कटनी। गुरुपूर्णिमा पर दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन गर्ल्स कालेज में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष माल्यार्पण माननीय एस.डी.एम. एवं प्राचार्य द्वारा दीप प्रज्जवलन किया गया।
इस अवसर पर महाविद्यालय की छात्रा रेणु विश्वकर्मा एवं डॉ. फूलचंद कोरी ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। स्वागत श्रंखला में एस.डी.एम., महाविद्यालय से सेवानिवृत्त क्रीडा अधिकारी संध्या पुरोहित एवं ग्रंथपाल संध्या निगम को शॉल एवं श्रीफल से सम्मानित किया गया।
छात्रा गरिमा चक्रवर्ती एवं सहयोगियों द्वारा गुरूजनों को तिलक लगाकर सम्मानित किया गया। महाविद्यालय की वरिष्ठ प्राध्यापक एवं गुरुपूर्णिमा कार्यक्रम संयोजक डॉ. साधना जैन ने अतिथियों का स्वागत करते हुए महाविद्यालय का परिचय एवं विजन पर प्रकाश डाला।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. चित्रा प्रभात ने गुरूपूर्णिमा की बधाई देते हुए कहा कि व्यक्ति के जीवन में गुरू का विशेष महत्त्व होता है। उन्होंने गुरु की विशेषताओं को रेखांकित करते हुए बताया कि गुरू में तीन द का महत्व बहुत आवश्यक है। तीन द का अर्थ होता है- दया, दान और दमन।
जिस गुरू में उर्पयुक्त तीनों गुण विद्यमान हों, उसे सर्वश्रेष्ठ गुरु की संज्ञा दी जाती है। कटनी जिले के अनुविभागीय अधिकारी, तथा महाविद्यालय के जनभागीदारी अध्यक्ष श्री प्रदीप मिश्रा, ने अपने उदबोधन में कहा कि व्यक्ति के विकास में गुरु का महत्वपूर्ण योगदान होता है। आज की युवा पीढ़ी गुरू की महिमा से अनभिज्ञ है। वह आभासी दुनिया में जीवन व्यतीत कर रही है उसका वास्तवितक जीवन से काई लेना-देना नहीं है।
महाविद्यालय में रानीतिशास्त्र की सहायक प्राध्यापक श्रीमती बंदना मिश्रा ने वर्तमान शिक्षा प्रणाली में नैतिक शिक्षा की भूमिका को उल्लेखित किया। भारतीय ज्ञान पंरपरा प्रकोष्ठ की संयोजक डॉ. प्रज्ञा अग्रवाल ने गुरुपूर्णिमा का महत्व, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूति पर वक्तव्य दिया। ऋचा पाण्डेय ने गुरू शिष्य परंपरा विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। श्रीमती श्रद्धा वर्मा ने गुरु वंदना प्रस्तुत की। इस अवसर पर बीए प्रथम वर्ष की शिवानी यादव, डिंपल मौर्य के द्वारा भाषण प्रस्तुत किया गया। उच्च शिक्षा विभाग, म.प्र. शासन द्वारा गुरुपूर्णिमा पर विशेष कार्यकम देवी अहल्यिा विश्वविद्यालय इंदौर में आयोजित किया गया जिसका सीधा प्रसारण महाविद्यालय के सभागार में किया गया।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में म.प्र. के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एवं म.प्र. के अनेक विश्वविद्यालयों के कुलगुरूओं की गरिमामयी उपस्थिति रही। डॉ. प्रज्ञा अग्रवाल ने कार्यक्रम का संचालन एवं श्री भीम बर्मन ने तकनीकी सहयोग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्यक्रम के सफल आयोजन में महाविद्यालय में भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ के सदस्यगण श्रीमती नेहा चौधरी, डॉ. अशोक शर्मा, डॉ. संजयकांत भारद्वाज, श्री अंजनेय तिवारी, डॉ. सपना झारिया, संध्या सिंह, का सराहनीय योगदान रहा। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. विमला मिंज, अमिताभ पाण्डेय, डॉ. आर. के. गुप्ता, श्री के. जे. सिन्हा, श्रीमती सुनीता श्रीवास्तव, बिनेश कुमार यादव, नागेन्द्र यादव, समस्त अतिथि विद्वान, स्ववित्तीय अतिथि विद्वान एवं समस्त अधिकारी, कर्मचारी एवं छात्राओं की उपस्थिति रही।
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