गूगल क्रोम ब्राउजर: गूगल क्रोम ब्राउजर अब थर्ड पार्टी कुकीज को रखा जाएगा!
गूगल क्रोम ब्राउजर: गूगल क्रोम ब्राउजर अब थर्ड पार्टी कुकीज को रखा जाएगा!

गूगल क्रोम ब्राउजर: गूगल क्रोम ब्राउजर अब थर्ड पार्टी कुकीज को रखा जाएगा! , दुनिया की नामी टेक कंपनियों में से एक गूगल अक्सर नए-नए अपडेट पर काम करती रहती है, ताकि यूजर्स को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। ऐसे में बहुत लोग स्मार्टफोन में गूगल क्रोम ब्राउजर का इस्तेमाल करते हैं, अगर आप भी गूगल क्रोम ब्राउजर चलाते हैं तो आप इस खबर को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। दरअसल, गूगल ने एक बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले का सीधे तौर पर यूजर्स को होगा। गूगल क्रोम ब्राउजर अब थर्ड पार्टी कुकीज को रखा जाएगा। नीचे खबर में जानिए क्या है पूरी जानकारी।
गूगल ने बड़े फैसले से किया हैरान
मशहूर सर्च इंजन गूगल के मुताबिक, क्रोम ब्राउजर में ऐसा फीचर जोड़ा जाएगा, जो यूजर्स को ब्राउजिंग के दौरान सूचित विकल्प की जानकारी देगा। रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि इस फीचर को यूजर्स अपने हिसाब से एडजेस्ट कर सकेंगे। रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि अधिकतर लोग गूगल के इस निर्णय से आश्चर्यचकित हैं, क्योंकि गूगल काफी समय से क्रोम ब्राउजर से थर्ड पार्टी कुकीज को हटाने के लिए काम कर रहा था, मगर अब इस फैसले से सबकुछ बदल जाएगा।
कई रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया जा रहा है कि गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट साल 2019 से क्रोम ब्राउजर से थर्ड पार्टी एप्स की कुकीज को हटाने को लेकर यूनिट प्राइवेसी सैंडबॉक्स पर काम कर रही थी, ताकि थर्ड पार्टी एप्स की सभी कुकीज को क्रोम ब्राउजर से हटाया जा सकें।
आखिर गूगल ने क्यों लिया यह फैसला
रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि गूगल ने यह फैसला विज्ञापनदाताओं की वजह से लिया है। अगर क्रोम ब्राउजर से थर्डी पार्टी एप्स की कुकीज हटा दी जाती को गूगल को भारी नुकसान उठाना पड़ता। अगर आप नहीं जानते हैं तो आपको बता दें कि गूगल सबसे ज्यादा विज्ञापन से ही कमाई होती है। यही वजह है कि गूगल को अपनी योजना को बदलना पड़ा। क्रोम ब्राउजर से कुकीज हटाने से लोगों की पर्सनल जानकारी हासिल करने में मुश्किल होती और फिर सबकुछ यूजर्स के डेटा पर निर्भर हो जाता। यही वजह है कि इतनी बड़ी टेक कंपनी को बीच में अपनी योजना को बंद करना पड़ा।
आखिर क्या होती है कुकीज
जब भी कोई यूजर किसी वेबसाइट पर जाता है तो वेबसाइट यूजर के ब्राउजर को कुकीज भेजती है। यह एक तरह की छोटी टेक्सट फाइल होती है। इसी कुकीज की मदद से वेबसाइट यूजर के आने-जाने के डेटा को याद रखती है। इस वजह से जब भी यूजर दोबारा उस वेबसाइट पर जाने की कोशिश करता है तो उसमें काफी आसानी हो जाती है। इसके पीछे सारा काम कुकीज का होता है, ऐसे में कुकीज यूजर के आने और जाने की सारी जानकारी अपने पास संभालकर रखती है।