हमारे बेटे को न्याय दो! डॉक्टर सुसाइड केस पर रो पड़ा परिवार, TMC ने BJP से मांगा जवाब
हमारे बेटे को न्याय दो! डॉक्टर सुसाइड केस पर रो पड़ा परिवार, TMC ने BJP से मांगा जवाब

हमारे बेटे को न्याय दो! डॉक्टर सुसाइड केस पर रो पड़ा परिवार, TMC ने BJP से मांगा जवाब। महाराष्ट्र के सतारा जिले में कथित तौर पर दुष्कर्म और उत्पीड़न से परेशान होकर आत्महत्या करने वाली महिला डॉक्टर के रिश्तेदारों ने मांग की है कि सुसाइड नोट में जिन लोगों के नाम का जिक्र है, उन्हें फांसी की सजा दी जाए। सतारा के फलटण शहर में एक सब-डिस्ट्रिक्ट अस्पताल में तैनात 28 साल की डॉक्टर ने गुरुवार को एक होटल के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। महिला डॉक्टर ने अपनी हथेली पर एक नोट छोड़ा, जिसमें उसने एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर पर दुष्कर्म करने और एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर पर मानसिक रूप से उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था।
हमारे बेटे को न्याय दो!’ डॉक्टर सुसाइड केस पर रो पड़ा परिवार, TMC ने BJP से मांगा जवाब
‘अस्पताल में डॉक्टर पर मेडिकल रिपोर्ट बदलने का डाला जाता था दबाव’
एक रिश्तेदार ने मीडिया से बात करते हुए आरोप लगाया कि उसने उत्पीड़न के बारे में कई बार शिकायत की थी, लेकिन उसकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया गया। एक अन्य रिश्तेदार ने कहा, ‘पुलिस ने हमें घटना (आत्महत्या) के बारे में बताया और हम अस्पताल गए (जहां शव लाया गया था)। एक डॉक्टर होने के नाते, मैंने उनसे कहा कि मैं पोस्टमार्टम के समय मौजूद रहूंगा। उस समय मैंने उसकी हथेली पर सुसाइड नोट देखा और यह बात पुलिस को बताई। मैंने सुझाव दिया कि फोरेंसिक विशेषज्ञों को पोस्टमार्टम करना चाहिए।’ एक तीसरे रिश्तेदार ने दावा किया कि पीड़िता पर अस्पताल में मेडिकल रिपोर्ट बदलने का दबाव डाला जा रहा था जहां वह काम करती थी।
मेडिकल अफसर पर भी प्रताड़ित करने के आरोप
रिश्तेदारों ने दावा किया कि, ‘फलटण में राजनीतिक लोग अक्सर उस पर मेडिकल रिपोर्ट बदलने के लिए दबाव डालते थे, क्योंकि वह नियमित रूप से पोस्टमार्टम ड्यूटी पर रहती थी। उसने पुलिस सब-इंस्पेक्टर (जिसका नाम नोट में है) के खिलाफ कई बार शिकायत की थी, लेकिन उसकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया गया।’ रिश्तेदारों ने एक मेडिकल अफसर पर भी डॉक्टर को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। दावा किया कि मेडिकल अफसर द्वारा बार-बार महिला डॉक्टर को पोस्टमार्टम ड्यूटी पर लगाया जाता था। रिश्तेदार ने कहा, ‘सिर्फ आरोपियों को गिरफ्तार करना ही काफी नहीं है। डॉक्टर और उसके परिवार को न्याय दिलाने के लिए उन्हें फांसी दी जानी चाहिए।’







