15 अगस्त से मध्यप्रदेश में पुलिस सहायता के लिए अब 100 नंबर नहीं, 112 डायल करना होगा

भोपाल। 15 अगस्त से मध्यप्रदेश में पुलिस सहायता के लिए अब 100 नंबर नहीं, 112 डायल करना होगा। यह 112 नेशनल इमरजेंसी नंबर पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा, जिससे आपात स्थिति में तुरंत पुलिस सहायता मिल सकेगी। इस नई व्यवस्था के तहत न केवल नंबर बदलेगा, बल्कि पुलिस की फर्स्ट रिस्पांस व्हीकल (FRV) की व्यवस्था भी पूरी तरह बदलने जा रही है।
अब तक प्रदेशभर में डायल 100 पर सूचना मिलने पर सफारी वाहन मौके पर पहुंचते थे, लेकिन अब इनकी जगह नई बोलेरो नियो और स्कॉर्पियो-एन वाहनों को शामिल किया जाएगा। इन वाहनों में लाइव लोकेशन, नेविगेशन और हाई-स्पीड कनेक्टिविटी जैसी आधुनिक सुविधाएं होंगी, जिससे रिस्पांस टाइम में तेजी लाई जा सकेगी।
डीजीपी कैलाश मकवाना ने खुद इस नई व्यवस्था पर निगरानी रखते हुए इसे लागू करने की दिशा में कार्य शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि वर्तमान में डायल 100 की गाड़ियां जर्जर हालत में हैं, कई तो चलने लायक भी नहीं बची हैं। ऐसे में जनता को समय पर पुलिस सहायता नहीं मिल पा रही थी।
अब प्रदेश को 1200 नई गाड़ियां मिलेंगी, जो पुराने वाहनों की जगह लेंगी। इन गाड़ियों की मदद से अब शहरी क्षेत्रों में 10 से 15 मिनट और ग्रामीण क्षेत्रों में 20 से 25 मिनट के अंदर पुलिस घटनास्थल पर पहुंच सकेगी।
ग्वालियर जिले को विशेष रूप से 54 नई एफआरवी गाड़ियां मिलने जा रही हैं, जहां वर्तमान में 45 गाड़ियां काम कर रही हैं। इस नई व्यवस्था से ग्वालियर जैसे शहरों में भी पुलिस रिस्पांस टाइम में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा।
112 नंबर पर कॉल करते ही सूचना तुरंत कंट्रोल रूम तक पहुंचेगी, जहां से नजदीकी एफआरवी को रवाना कर दिया जाएगा। इस काम का संचालन अब जीवीके कंपनी के हाथों होगा, जो पहले से ही 108 एंबुलेंस सेवा का प्रबंधन कर रही है। जबकि डायल 100 का संचालन अब तक बीवीजी कंपनी कर रही थी।