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Festival Vastu Shastra: त्‍योहार में संस्कृति के अनुसार वास्तु की इन बातों का रखेंगे ध्यान तो भरपूर मिलेगा ईश्वर का आशीर्वाद

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Festival Vastu Shastra: त्‍योहार में संस्कृति के अनुसार वास्तु की इन बातों का रखेंगे ध्यान तो भरपूर मिलेगा ईश्वर का आशीर्वाद । हमारे देश में सबसे ज्यादा त्योहार मनाए जाते हैं, यहां विभिन्न धर्मों के लोग अपने-अपने उत्सव और पर्व को अपनी परंपरा और संस्कृति के अनुसार मनाते हैं।

त्योहारों के मौसम की शुरुआत होने वाली है। इनके आगमन से उमंग और खुशियां मन पर भी दस्तक देती हैं। त्योहार के दिनों में ईश्वर का आशीर्वाद पाने के लिए हम उपवास, पूजा, अनुष्ठान आदि करते है, जिससे भय ,विघ्न और शत्रुओं का नाश होकर जीवन में सुख-समृद्धि आती है। लेकिन ये तभी संभव है जब इन त्योहारों को हम शांतिपूर्ण और सकारात्मक ढंग से मना पाएं।

वास्तुकला का एक प्राचीन विज्ञान, वास्तु शास्त्र कुछ नियम सिखाता है जो किसी क्षेत्र से नकारात्मकता और बुरी ऊर्जा को खत्म कर सकते हैं और भाग्य, धन और समृद्धि ला सकते हैं। आइए जानते हैं कि वास्तु मान्यता के अनुसार त्योहार पर ऐसा कुछ नकारात्मक न करें जिससे आपकी और आपके परिवार की खुशियां फीकी पड़ जाए। शुभ फलों की वृद्धि और अशुभ फलों से बचने के लिए इन बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।

ऐसे वस्त्रों का चयन न करें

आधुनिक युग में फटे हुए कपडे़ पहनना काफी प्रचलन में हैं,लेकिन ऐसे परिधान हमारी भारतीय संस्कृति में शुभ नहीं माने जाते। धार्मिक मान्यता है कि फटे और मैले वस्त्र पहनने से व्यक्ति की शारीरिक क्षमता व सकारात्मक ऊर्जा का नाश होता हैं। ऐसे कपड़े हमारे तन-मन को शिथिल बनाकर कई प्रकार की बीमारियों को भी जन्म देते हैं। साथ ही गंदे और फटे वस्त्र दुर्भाग्य लेकर आते हैं,घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होता हैं।

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लड़ाई-झगड़ा और वाद-विवाद से बचें

त्योहार आपसी प्रेम व सद्भावना का संदेश देकर जीवन में नवचेतना का संचार करते हैं। सदैव ही कलह, वाद-विवाद से हमेशा दूर रहने का प्रयास करना चाहिए परन्तु विशेषरूप से त्योहार के दिन घर में लड़ाई-झगड़े और बहस से पूरी तरह बचना चाहिए। हो सकता है छोटी सी बहस आपके फेस्टिव मूड को बर्बाद कर दे । वास्तु की दृष्टि से देखें तो त्यौहार पर लड़ाई-झगड़ा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है जिससे आपकी उन्नति अवरुद्ध हो सकती है।

 

न रखें गंदगी

त्योहार पर सफाई का उद्देश्य सिर्फ परंपरा का निर्वहन या सुख-समृद्धि के आगमन से ही नहीं है बल्कि घर में मौजूद गंदगी,धूल-मिटटी,जाले आदि से वहां की नेगेटिव एनर्जी बढ़ने लगती है जिसका बुरा असर आपके काम और मन पड़ता है।घर में रखा अनुपयोगी टूटा-फूटा सामान भी नकरात्मकता फैलाता हैं जिसकी वजह से परिवार में अशांति का माहौल बन जाता है इसलिए खासतौर पर त्यौहार के दिन घर का वातावरण स्वच्छ और सकारात्मक होना चाहिए।

किसी का अपमान न करें

यूं तो हमें कभी भी किसी को अप्रिय वचन बोलकर या किसी अन्य तरीके से अपमान नहीं करना चाहिए। लेकिन धार्मिक मान्यता के अनुसार त्योहार के दिन मन, कर्म, वचन द्वारा किसी भी प्रकार का पाप कर्म करने से बचने का प्रयास करना चाहिए और गलती से भी गरीब एवं उम्र में बड़े लोगों का अपमान न करें और न ही झूठ बोलें। बड़ों और बुजुर्गों का सम्मान कर उनका आशीर्वाद लेना अत्यंत फलदायी होता है।

 

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