
₹5,000 करोड़ की कमाई वो भी फ्री सर्विस से, Google Pay और PhonePe की कमाई का फॉर्मूला, Google Pay और PhonePe जैसी ऐप्स पेमेंट पर चार्ज नहीं लेतीं, फिर भी ये सालाना हजारों करोड़ कमा लेती हैं. इनकी कमाई वॉयस स्पीकर्स के रेंट, स्क्रैच कार्ड्स के ज़रिए ब्रांड प्रमोशन, लोन और SaaS सेवाओं, व साथ ही बिजली व मोबाइल रिचार्ज जैसी सुविधाओं पर प्लेटफॉर्म फीस से होती है
₹5,000 करोड़ की कमाई वो भी फ्री सर्विस से, Google Pay और PhonePe की कमाई का फॉर्मूला
आप हर दिन Google Pay या PhonePe से पेमेंट करते हैं,वो भी बिल्कुल मुफ्त! न कोई चार्ज, न ही कोई कमीशन. फिर भी, इन कंपनियों ने पिछले साल ₹5,065 करोड़ से ज्यादा की कमाई कर ली. अब सवाल उठता है कि जब ये न कोई प्रोडक्ट बेचती हैं, न ही ट्रांजैक्शन पर कोई शुल्क लेती हैं तो फिर इतना पैसा आता कहां से? तो इसका जवाब है, UPI तो इन कंपनियों के बिज़नेस का सिर्फ एक हिस्सा है. असली कमाई के रास्ते कहीं और से खुलते हैं
स्पीकर से होती है करोड़ों की कमाई
आपने दुकानों पर वो आवाज़ तो ज़रूर सुनी होगी “PhonePe से ₹100 प्राप्त हुए”. ये जो वॉयस स्पीकर्स होते हैं, असल में ये कंपनियों के लिए एक मजबूत कमाई का जरिया हैं. PhonePe, Paytm जैसे डिजिटल पेमेंट ऐप्स इन स्पीकर्स को दुकानदारों को किराए पर देते हैं, और इसके बदले हर महीने करीब ₹100 चार्ज करते हैं. आज के दौर में चाय की दुकान से लेकर राशन स्टोर तक लगभग हर दुकानदार की काउंटर पर ये स्पीकर नजर आता है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि सिर्फ इस एक सर्विस से कितनी बड़ी कमाई होती है.