शिक्षक समाज का सच्चा मार्गदर्शक – डाॅ आदित्य कुमार शर्मा, सायना इंटरनेशनल स्कूल में धूमधाम व हर्षोल्लास से मनाया गया शिक्षक दिवस

शिक्षक समाज का सच्चा मार्गदर्शक – डाॅ आदित्य कुमार शर्मा, सायना इंटरनेशनल स्कूल में धूमधाम व हर्षोल्लास से मनाया गया शिक्षक दिवसकटनी(YASHBHARAT.COM)। सायना इंटरनेशनल स्कूल में शिक्षक दिवस धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य डाॅ आदित्य कुमार शर्मा, प्रबंधन समिति के प्रतिनिधि ऋषि अरोरा, किड्स स्कूल प्रभारी डाॅ भारती शर्मा, हेडमास्टर डाॅ लोकेश दुबे, कमल सरेचा एवं प्राइमरी समन्वयक श्रीमती रीत मोंगा ने सर्वपल्ली डाॅ राधाकृष्णन के छायाचित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित कर किया । तदोपरान्त बारहवीं के विद्यार्थियों ने गुरूकुल परंपरा को स्मरण कर शिक्षकों को ट्री प्लांट भेंटकर आभार प्रदर्शित किया। इस अवसर पर प्राचार्य डाॅ आदित्य कुमार शर्मा ने अपने संक्षिप्त संबोधन में कहा कि शिक्षक समाज का सच्चा मार्गदर्शक होता है,जो विद्यार्थियों को ज्ञान ही नहीं बल्कि जीवन जीने की कला भी सिखाता है। इसी कड़ी में उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज निर्माता, राष्ट्र निर्माता के साथ ही हर जगह अपनी अमिट छाप छोड़नेेवाला एक सक्रिय कार्यकर्ता है। विद्यार्थियों द्वारा शिक्षकों के सम्मान में नृत्य व गायन की प्रस्तुति ने सबका मन मोह लिया। पूरे परिसर में साहित्यिक और सांस्कृतिक माहौल छा गया। छात्रों और अध्यापकों ने इस आयोजन का भरपूर आनंद लिया।
कार्यक्रम के द्वितीय चरण में सायंकालीन बेला में काव्यधारा का आयोजन किया गया। जिसमें कटनी के प्रसिद्ध कवियों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुति से सभी को सम्मोहित कर दिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ कवि सतीष आनंद, विशिष्ट अतिथि कवि चंद्रकिशोर श्रीवास्तव ’चंदन’ आमंत्रित सदस्य कवि जितेन्द्र पटवा ‘नीरस’ एवं कवि प्रियांशु तिवारी ने प्राचार्य डाॅ शर्मा की अध्यक्षता में काव्यपाठ को गति दी। शहर के चिर-परिचत कवि तुषार भट्टाचार्य ’तपन’ ने कार्यक्रम का ओजपूर्ण संचालन करके समां बांध दिया। सायना की ओर से शिक्षिका सहाना बासु ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया वहीं छात्र अभिजीत तिवारी, सैफ अली, अंशुमान विश्वकर्मा, शिक्षिका श्रीमती दीपाली दुबे एवं मि. कमल सरेचा ने काव्यपाठ कर खूब तालियां बटोरी। प्राचार्य श्री शर्मा ने श्रीफल व शाल से अतिथियों का सम्मान करते हुए उनको पुनः धन्यवाद दिया। हेडमास्टर डाॅ लोकेश दुबे ने स्वरचित छंदों की प्रस्तुति के साथ आभार ज्ञापित कर कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की।