क्या आप जानते है प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लीडिंग होना बहुत ही आम बात है लेकिन कुछ मामलों में ये किसी अन्य समस्या का संकेत हो सकता है।

क्या आप जानते है प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लीडिंग होना बहुत ही आम बात है लेकिन कुछ मामलों में ये किसी अन्य समस्या का संकेत हो सकता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लीडिंग होना बहुत ही आम बात है और इसका मतलब यह भी है कि आपको कोई प्रॉब्लम नहीं है। यानि चिंता की कोई बात नहीं है। जी हां कई प्रेग्नेंसी में ब्लीडिंग होना बिल्कुल भी हानिकारक नहीं होता है। और इससे आपके शिशु को नुकसान पहुंचने की कोई भी संभावना नहीं होती है। लेकिन कुछ मामलों में यह चुनौतीपूर्ण और डरावना हो सकता है। हालांकि, प्रेग्नेंसी के किसी भी स्टेज में ब्लीडिंग को गंभीरता से लेना बहुत जरूरी होता है क्योंकि यह किसी समस्या का संकेत भी हो सकता है, यह कहना हैं डीजीओ, एमबीबीएस गायनोकोलॉजिस्ट रेणु जैन का। आइए इस बारे में विस्तार से जानें।
प्रेग्नेंसी के दौरान वेजाइनल ब्लीडिंग के कारण
इंप्लांटेशन ब्लीडिंग
यह हानिरहित हल्की ब्लीडिंग होती है जो अक्सर पीरियड्स के समय के कारण होती है। ऐसा तब होता है जब प्रेग्नेंसी के शुरुआती हफ्ते में फर्टिलाइज्ड अंडा यूट्रस की लाइनिंग पर इम्प्लांट होता है। फर्टिलाइज्ड अंडा फैलोपियन ट्यूब से होते हुए यूट्रस में जाता है और यूट्रस की लाइनिंग से जुड़ जाता है। इस प्रोसेस के दौरान प्रेग्नेंट की कुछ ब्लड ऑर्टिज को नुकसान पहुंचता, जिस वजह से ब्लीडिंग होती है। ज्यादातर मामलों में इससे कोई नुकसान नहीं होता है और प्रेग्नेंट हेल्दी बच्चे को जन्म देती है।
क्या आप जानते है प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लीडिंग होना बहुत ही आम बात है लेकिन कुछ मामलों में ये किसी अन्य समस्या का संकेत हो सकता है।
मिसकैरेज
प्रारंभिक प्रेग्नेंसी के दौरान वेजाइनल ब्लीडिंग मिसकैरेज का संकेत हो सकता है। 5 प्रेग्नेंसी में से लगभग 1 गर्भपात का कारण हो सकता है। 5 प्रेग्नेंसी में से लगभग 1 गर्भपात और जो आमतौर पर मां या पार्टनर में नहीं भ्रूण में खराबी के कारण होता है। साथ ही, इस बात ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि जिन महिलाओं को इस प्रेग्नेंसी की स्टेज के दौरान ब्लीडिंग होती है उनकी नॉर्मल और सफल प्रेग्नेंसी हो।
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी
एक्टोपिक शब्द का मतलब है “गलत स्थान पर” और यह ऐसी गर्भावस्था होती है जो गर्भाशय के बाहर विकसित होती है। यह आमतौर पर किसी एक डिंबवाही नलिका (फैलोपियन ट्यूब) में विकसित होना शुरु हो जाती है। इसीलिए इसे ट्यूबल प्रेग्नेंसी भी कहा जाता है। हर 161 गर्भावस्थाओं में से करीब एक में ऐसा होता है। जैसे-जैसे आपकी गर्भावस्था बढ़ती है, इसमें पेन और ब्लीडिंग होता है। एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के इन लक्षणों को पहचाना न जाए तो फैलोपियन ट्यूब फट भी सकती है, जिससे आंतरिक ब्लीडिंग हो सकती है। जो खतरनाक हो सकता है।
शुरुआती पहचान और उपयुक्त प्रबंधन इस मामले में जरूरी है, ताकि किसी भी लाइफ को नुकसान पहुंचाने वाली जटिलता को रोका जा सके। अन्य आम कारणों में मोलर प्रेग्नेंसी शमिल है मोलर प्रेगनेंसी में ट्रोफोब्लास्ट में असामान्य तरीके से वृद्धि हो जाती है और गर्भवती महिला के गर्भनाल में कोशिकाएं बनने लगती हैं। कुछ मामलों में मोलर प्रेगनेंसी में विकासशील भ्रूण शामिल नहीं होता। कई बार सर्वाइकल और वेजाइनल इंफेक्शन के कारण भी ब्लीडिंग हो सकती है। इसके अलाव प्रेग्नेंसी में दूसरे या तीसरे तिमाही के दौरान वेजाइनल इंफेक्शन भी हो सकता है।