दिल्ली चुनाव 2025: ईवीएम पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई, कोर्ट ने पूछा क्या हमें पाषाण युग में जाना चाहिए?

नई दिल्ली। चुनावों में ईवीएम के इस्तेमाल के खिलाफ दायर याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को खारिज कर दी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विभू बाखरू और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि एकल न्यायाधीश के आदेश को चुनौती देने वाली रमेश चंदर की अपील याचिका का कोई आधार नहीं है।
क्या हमें पाषाण युग में जाना चाहिए?
साथ ही पीठ ने याचिकाकर्ता से मौखिक रूप से पूछा क्या उसके अनुसार, पाषाण युग में जाना चाहिए। याचिका में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के माध्यम से कोई भी चुनाव कराने से पहले जन प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा 61-ए के आदेश का पालन करने का निर्वाचन आयोग को निर्देश देने की मांग की गई थी।
वर्तमान अपील में कोई योग्यता नहीं
हालांकि, अदालत ने वर्तमान अपील में कोई योग्यता नहीं है। 22 जुलाई 2024 को याचिका खारिज करते हुए एकल पीठ ने कहा था कि ईवीएम के इस्तेमाल से जुड़ा मुद्दा सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के फैसलों के दायरे में है।एकल पीठ ने यह भी कहा था कि शीर्ष अदालत ने पेपर बैलेट सिस्टम को वापस लाने की याचिका भी खारिज कर दी थी।