
दीप्ति शर्मा की वापसी की कहानी: हार से हिम्मत तक, और हिम्मत से जीत तक। दीप्ति शर्मा, ये नाम आज भारतीय क्रिकेट इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो गया है। वही दीप्ति, जिसने 2017 में इंग्लैंड के खिलाफ फाइनल में भारत के लिए आखिरी उम्मीद के रूप में संघर्ष किया था।
दीप्ति शर्मा की वापसी की कहानी: हार से हिम्मत तक, और हिम्मत से जीत तक
वही दीप्ति, जिसने 2022 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एक नाजुक पल में नो-बॉल फेंकी और भारत टूर्नामेंट से बाहर हो गया। लेकिन 2025 में, इसी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ, दीप्ति ने जो किया, वो क्रिकेट की सबसे खूबसूरत रिडेम्प्शन स्टोरी बन गई।
‘ड्रीम परफॉर्मेंस’: फिफ्टी और पांच विकेट का ऐतिहासिक कमाल
महिला वनडे विश्व कप के इतिहास में पहली बार किसी खिलाड़ी ने नॉकआउट मैच में 50 रन बनाए और पांच विकेट झटके और वो भी भारत की दीप्ति शर्मा ने। उन्होंने फाइनल में 58 रन की मैच-जिताऊ पारी खेली और 5/39 के शानदार आंकड़े के साथ दक्षिण अफ्रीका को ढेर कर दिया। वह न सिर्फ भारत की पहली महिला खिलाड़ी बनीं जिन्होंने वनडे में ये ‘डबल’ पूरा किया, बल्कि पूरी विश्व कप हिस्ट्री में (पुरुष या महिला), केवल युवराज सिंह (2011) के बाद ऐसा करने वाली दूसरी भारतीय बनीं। दीप्ति शर्मा की वापसी की कहानी: हार से हिम्मत तक, और हिम्मत से जीत तक
‘ये सपना सच होने जैसा है…’, दीप्ति का भावुक बयान
मैच के बाद ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ चुनी गईं दीप्ति ने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो अभी तक विश्वास नहीं हो रहा। यह एक सपना जैसा लगता है। आज जिस तरह योगदान दे पाई, उससे बहुत खुशी है। हमारे फैंस को धन्यवाद, जो हर मैच में साथ रहे। उनके बिना यह संभव नहीं था। टीम के रूप में हम बहुत खुश हैं। मुझे हमेशा चुनौतियां पसंद हैं। चाहे बल्ले से या गेंद से। मैं बस स्थिति के अनुसार खेलती हूं और उसका आनंद लेती हूं। फाइनल में दोनों जिम्मेदारियां निभाना मेरे लिए गर्व का पल था। 2017 से अब तक बहुत कुछ बदल चुका है। अगर हमें आगे और ज्यादा मैच खेलने को मिलें, तो यह महिला क्रिकेट के लिए और भी अच्छा होगा। अंत में मैं यह ट्रॉफी अपने माता-पिता को समर्पित करती हूं।’
महिला वनडे विश्व कप के एक संस्करण में
सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली गेंदबाज
गेंदबाज देश वर्ष विकेट
लिन फुल्स्टन ऑस्ट्रेलिया 1982 23
जैकी लॉर्ड न्यूज़ीलैंड 1982 22
दीप्ति शर्मा भारत 2025 22
सोफी एक्लेस्टोन इंग्लैंड 2022 21
शुभांगी कुलकर्णी भारत 1982 20
नीतू डेविड भारत 2005 20
‘वो ओवरस्टेप नहीं, शुरुआत थी’
2022 की वो नो-बॉल आज एक नए मायने रखती है। वही पल जिसने दीप्ति को और मजबूत बनाया। उन्होंने हार को सबक में बदला, आलोचनाओं को ईंधन में। आज जब वह विश्व कप ट्रॉफी थामे खड़ी थीं, तो वह सिर्फ जीत नहीं थी, वह एक कहानी का मुकम्मल होना था। दीप्ति ने दिखाया कि असली चैंपियन वो नहीं जो कभी हारता नहीं, बल्कि वो है जो हर हार के बाद और चमकदार होकर लौटता है।







