
Customer Service: SBI सहित 5 बैंकों की फ्रेंचाइजी लेकर महिलाएं कस्टमर सर्विस प्वाइंट शुरू कर सकती हैं । भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ़ बडौदा, बैंक ऑफ़ इंडिया और यूनियन बैंक द्वारा सरकार की विशेष योजना के तहत उन क्षेत्रों में जहां इन बैंकों की ब्रांच नहीं है, CUSTOMER SERVICE POINT शुरू कर रहे हैं।
कुछ इलाके तो ऐसे हैं जहां बैंकों की ब्रांच में खाताधारक की निरंतर बढ़ती भीड़ के कारण ब्रांच के आसपास ही CUSTOMER SERVICE POINT खोले जा रहे हैं। यह आपके लिए अच्छा अवसर है।
कोई भी ऐसा स्थान देखिए जहां पर लोगों को बैंक की जरूरत है परंतु किसी भी सरकारी बैंक की ब्रांच नहीं है। वहां पर आप कस्टमर सर्विस प्वाइंट शुरू कर सकते हैं। यह एक प्रकार से बैंक की ही ब्रांच होती है, अंतर केवल इतना होता है कि बैंक के द्वारा आपको सैलरी नहीं बल्कि कमीशन दिया जाता है। जब किसी सरकारी बैंक का कस्टमर सर्विस प्वाइंट शुरू करेंगे तो एक यंग एंटरप्रेन्योर होने के नाते इसके अलावा भी कई प्रकार की फाइनेंसियल सर्विस शुरू कर सकते हैं।
उदाहरण के लिए, 10X10 के एरिया में सरकारी बैंक का कस्टमर सर्विस प्वाइंट संचालित किया जा रहा है और ठीक उसके नजदीक 10X10 की दूसरी पार्टीशन दुकान में गोल्ड लोन, होम लोन, कार लोन, ट्रैक्टर लोन इत्यादि की सेवाएं शुरू कर सकते हैं। लोगों के डिमैट अकाउंट ओपन कर सकते हैं। भारतीय जीवन बीमा कंपनी का एजेंट बनकर लोगों को बीमा पॉलिसी उपलब्ध करा सकते हैं।
भारतीय समाज में महिलाओं की ईमानदारी पर विश्वास करने की परंपरा है। आज की स्थिति में पूरे देश में ऐसा माहौल है कि यदि कोई महिला अपना स्टार्टअप अथवा स्मॉल स्केल बिजनेस शुरू करना चाहती है तो सभी लोग यथासंभव उसकी मदद करते हैं। उसे प्रोत्साहित करते हैं। ऐसी स्थिति में यदि कोई महिला किसी भी सरकारी बैंक का कस्टमर सर्विस प्वाइंट शुरू करती है तो उसके रजिस्टर में खाता धारकों की संख्या किसी अन्य की तुलना में ज्यादा हो सकती है।
यदि प्रत्येक ट्रांजैक्शन के हिसाब से कैलकुलेट करेंगे तो कमीशन थोड़ा कम लगेगा लेकिन सरकारी बैंक का CSP शुरू करने का सबसे बढ़िया फायदा यह है कि आपको, ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए ना तो कोई विज्ञापन अभियान चलाने की जरूरत है और ना ही किसी दूसरे विशेष प्रयास करने पड़ेंगे। आसपास के लोग आपसे सेवाएं लेने के लिए अपने आप चले आएंगे। वैसे भी भारत में इन दोनों 20 से ज्यादा ऐसी सरकारी योजनाएं हैं, जिनके कारण करोड़ों लोग हर महीने बैंक जाते हैं।