कोलकाता/ ढाका। बांग्लादेश में तेजी से बदले घटनाक्रम में प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश छोड़ दिया। उन्होंने अपनी बहन शेख रिहाना के साथ भारत में शरण ली है। उनका हेलिकॉप्टर हिंडन एयरबेस पर लैंड हुआ।
आरक्षण के मुद्दे पर पिछले महीने प्रदर्शन की शुरुआत हुई थी। देखते ही देखते छात्र संगठन हिंसक हो गए। बांग्लादेश सरकार ने 1971 मुक्ति संग्राम में शामिल होने वाले लोगों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण का आदेश था।
यह मुद्दा हाई कोर्ट होते हुए सुप्रीम कोर्ट गया। जुलाई के आखिरी में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रद्द कर दिया। इसके बाद भी प्रदर्शन नहीं थमे। रविवार को भड़की ताजा हिंसा में करीब 100 लोगों की मौत हुई थी। भीड़ ने कई पुलिसकर्मियों को गोली मार दी थी। इस हिंसा में अब तक कुल 300 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों घायल हैं।
बांग्लादेश सेना प्रमुख जनरल वेकर-उज-जमान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राष्ट्र को संबोधित किया। सेना प्रमुख ने बताया कि जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते, तब तक सेना तैनात रहेगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात से दुनिया में बांग्लादेश की बदनामी हुई है। हमने सभी पक्षों को बुलाया है। आंदोलनकारी संगठनों को भी बुलाया है। जल्द ही अंतरिम सरकार का गठन होगा।