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एनओसी रद्द करने संबंधी कलेक्टर का फैसला सही-हाईकोर्ट, मोहित फिलिंग स्टेशन को लेकर दायर रिट याचिका खारिज

एनओसी रद्द करने संबंधी कलेक्टर का फैसला सही-हाईकोर्ट, मोहित फिलिंग स्टेशन को लेकर दायर रिट याचिका खारि
कटनी। माधवनगर गेट के बाजू से स्थित मोहित फिलिंग स्टेशन(पेट्रोल पंप) की जमीन का विवाद कलेक्टर, संभागायुक्त होते हुए उच्च न्यायालय तक पहुंचा। पेट्रोल पंप संचालक की ओर से दायर की गई रिट याचिका का निराकरण करते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने कहा है कि जिस भूमि के लिए एनओसी मिली उसी भूमि पर पेट्रोल पंप का संचालन होगा। उच्च न्यायालय ने कलेक्टर द्वारा एनओसी रद्द करने के फैसले पर भी अपनी मुहर लगा दी है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि जिस जमीन पर रिलायंस पेट्रोल पंप है वहां की फ्रेश एनओसी लेने के लिए संचालक स्वतंत्र है। यह आदेश मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायधीश विशाल धगत ने रिट याचिका की सुनवाई करते हुए पारित किया। जिससे 14 साल बाद पीडि़त को उच्च न्यायालय से न्याय मिला है। गौरतलब है कि पटवारी व आरआई की मिली भगत से नया खसरा नंबर तैयार किया गया था। जिस पर कार्रवाई करते हुए कलेक्टर ने भी एनओसी रद्द करते हुए पेट्रोल पंप को बंद करने के आदेश दिए थे। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर में न्यायमूर्ति विशाल धगत के समझ पेश की गई रिट याचिका में मोहित फिलिंग स्टेशन के संबंध में यह बताया गया कि खसरा नंबर के उल्लेख में कुछ त्रुटि पाए जाने पर उसे भूमि का मालिक और स्वामित्व धारक है। जहां से वह पेट्रोल पंप चला रहा है। कलेक्टर कार्यालय से दी गई एनओसी रद्द करने में त्रुटि की गई है। याचिकाकत्र्ता पिछले कई वर्षों से अपना पेट्रोल पंप चला रहा है और एनओसी केवल यह देखने के लिए दी गई है कि पेट्रोल पंप जिस स्थान से चलाया जाना है वह सुरक्षित है और नियमों के अनुसार है। इसे देखते हुए विवादित आदेशों को रद्द किया जा सकता है और याचिका करता को संबंधित भूमि पर अपना पेट्रोल पंप जारी रखने का निर्देश दिया जा सकता है। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर के न्यायमूर्ति विशाल धगत के समक्ष पेश की गई इस याचिका की सुनवाई के बाद माननीय न्यायालय ने यह आदेश पारित किया कि कलेक्टर के द्धारा एनओसी रद्द करने का निर्णय सही है। रिट याचिका की सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ, याचिकाकर्ता के वकील हिमांशु मिश्रा, वरिष्ठ अधिवक्ता संजय कुमार अग्रवाल तथा याज्ञवल्क शुक्ला, कमल एन. द्विवेदी व राज्य के सरकारी वकील प्रमोद पाण्डेय सुनवाई के दौरान उपस्थित थे।

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