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सीएम डॉ. मोहन यादव जैसे ही लौटेंगे छतरपुर, जबलपुर, हरदा और रतलाम के अफसरों पर गाज गिरेगी

भोपाल। मध्यप्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव अभी विदेश यात्रा पर हैं। जैसे ही लौटेंगे, वैसे ही छतरपुर, जबलपुर, हरदा और रतलाम के अफसरों पर सरकार की गाज गिरेगी। दरअसल, सीएम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विदेश से जांच के आदेश भी दे दिए थे। गौरतलब है कि जबलपुर के बरेला में शराब दुकान की जांच करने पहुंचे सहायक आबकारी आयुक्त संजीव दुबे पर गुंडागर्दी के आरोप लगे हैं। दुकान कर्मचारियों से मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में संजीव दुबे शराब दुकान के अंदर कर्मचारियों को थप्पड़ मारते और धक्का देते नजर आ रहे हैं। आरोप है कि सहायक आबकारी आयुक्त वसूली के लिए दबाव बना रहे थे और मांग पूरी न होने पर कर्मचारियों से अभद्रता पर उतर आए। साथ ही दुकान सरेंडर करने की धमकी भी दे डाली। इधर, मप्र हरदा जिले में करणी सेना के विरोध-प्रदर्शन से भड़की पुलिस ने छात्रावास में घुसकर जिस बर्बर तरीके से लाठीचार्ज किया, उससे राजपूत समाज नाराज है। लगातार हरदा एसपी अभिनव चौकसे को हटाने की मांग की जा रही है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश भी दे दिए। प्रदर्शनकारियों पर जिस तरह घेरकर लाठीचार्ज किया गया, वाटर कैनन चलाई और आंसू गैस के गोले छोड़े, उसे सरकार ने गंभीरता से लिया है। इसी तरह रतलाम के एएसपी राकेश खाका की भी छुट्टी होना तय माना जा रहा है। इन्होंने शांतिपूर्ण प्रदर्शन समाप्त होने के बाद लाठीचार्ज कराया था।

पुलिस छात्रावास में क्यों घुसी और लाठीचार्ज किया

हरदा प्रशासन अब तक इस बात का जवाब नहीं दे पाया है कि पुलिस छात्रावास में क्यों घुसी और लाठीचार्ज किया। इस मामले में कलेक्टर और अपर कलेक्टर की भूमिका भी देखी जा रही है। इन्होंने लाठीचार्ज के आदेश दिए या बिना इसके ही कार्रवाई की गई। यदि आदेश देने की बात सामने आई तो इन पर भी कार्रवाई की जा सकती है।

साधु-संतों का आमरण अनशन

इधर, छतरपुर जिले में कलेक्टर की नाक के नीचे साधु-संतों का 19 दिन तक आमरण अनशन चलता रहा और किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने विवाद सुलझाने का प्रयास नहीं किया। अब साधु-संतों के विरोध-प्रदर्शन का मामला सीएम तक पहुंच गया है। इससे तय माना जा रहा है कि लापरवाह अफसरों पर सीएम डॉ. मोहन यादव की गाज गिरेगी। हालांकि जब रामलला सरकार मंदिर के पुजारी साधुदास उर्फ वीरेंद्र कुमार की हालत बिगने लगी तो एसडीएम ने अखिल राठौर ने आश्वासन दिया कि मंदिर से दबंगों का बेदखल किया जाएगा। लेकिन ये सब प्रक्रिया के तहत किया जाएगा। इसके बाद साधुदास को नारियल पानी पिलाकर अनशन समाप्त कराया। फिर अस्पताल में भर्ती कराकर उपचार कराया गया।

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