कटनी। Good Friday के अवसर पर आज शहर में मानवता को पापों से मुक्त कराने को लेकर ईसा मसीह के योगदान को याद किया गया। गुड फ्राइडे को लेकर शहर के अलग-अलग चर्च में विशेष प्रार्थना का आयोजन किया गया।जिसमें काफी संख्या में लोग शामिल हुए।
लोगों ने प्रार्थना करते हुए प्रभु यीशु के बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे या ग्रेट फ्रइडे भी कहते हैं। यह त्यौहार ईसाई धर्म के लोगों द्वारा कैलवरी में ईसा मसीह को शूली पर चढ़ाने के कारण हुई मृत्यु के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
शहर के अलग-अलग चर्चों में हुई गुड फ्राइडे की विशेष प्रार्थना के दौरान कहा गया कि गुड फ्राइडे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। मान्यता के अनुसार ईसा मसीह ने अपनी मृत्यु के साथ ही दुनिया के सारे पाप अपने ऊपर ले लिए थे। उन्होंने मानवता के कल्याण के लिए अपने आप को न्योछावर कर दिया था।
गुड फ्राइडे के मौके पर प्रभु यीशु के बताए मार्ग पर चलने को लेकर संकल्प लिया गया। बहरहाल आज गुड फ्राइडे के मौके पर आज शुक्रवार को नगर निगम के बाजू से स्थित फिलिप्स एंड जेम्स चर्च, सिविल लाइन स्थित सेंटपॉल चर्च, उपनगरीय क्षेत्र लखेरा व रोशन नगर सहित शहर के दूसरे हिस्सों में स्थित अलग-अलग चर्च में अनुष्ठान का आयोजन किया गया।जिसमें काफी संख्या में मसीही समुदाय के लोग शामिल हुए।
गुड फ्राइडे को लेकर पिछले कई दिनों से तैयारी की जा रही थी। बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक गुड फ्राइडे को लेकर अलग-अलग चर्च में विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन हुआ। जिसमें स्थानीय पादरी और पुरोहितों द्वारा गुड फ्राइडे के महत्व को लेकर मसीही विश्वासियों को जानकारी दी गई।
साथ ही कहा गया कि गुड फ्राइडे का त्योहार क्यों मनाया जाता है। आखिर गुड फ्राइडे ईसाई समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर क्यों है। प्रार्थना के दौरान कहा गया कि गुड फ्राइडे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। मान्यता के अनुसार ईसा मसीह ने अपनी मृत्यु के साथ ही दुनिया के सारे पाप अपने ऊपर ले लिए थे। उन्होंने मानवता के कल्याण के लिए अपने आप को न्योछावर कर दिया था।
क्षमा व दया पसंद करते थे प्रभु यीशु
गुड फ्राइडे के मौके पर प्रभु यीशु के बताए मार्ग पर चलने को लेकर संकल्प लिया गया। चर्चों में पुरोहितों ने कहा कि प्रभु यीशु को दया, क्षमा पसंद है। वह अपने अनुयायियों पर हमेशा नजर रखते हैं। उनके कष्ट के निवारण को लेकर प्रभु हमेशा अपना आशीर्वाद बनाए रखते हैं। अनुष्ठान के मौके पर अलग-अलग चर्च में काफी संख्या में लोगों की उपस्थिति रही। जिसमें महिलाओं की संख्या भी थी।
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