कैमोर और विजयराघवगढ़ परिषद को मिलेंगे नये अध्यक्ष, ढाई – ढाई साल का करार पूरा करने मौजूदा अध्यक्षों ने छोड़ दिया पद

कटनी। जिले के विजयराघवगढ़ विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली तीन में से दो परिषदों कैमोर और विजयराघवगढ़ में सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ढाई – ढाई साल का करार पूरा होने के बाद दोनों परिषदों के अध्यक्षों ने अपने – अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा मंज़ूरी की प्रक्रिया पूरी होते ही नए अध्यक्षो के चुनाव के लिए परिषदों का सम्मेलन बुलाया जाएगा। पूर्व में हुए परिषद के आम चुनाव की तरह इस चुनाव में भी दोनों जगह अध्यक्षों का निर्विरोध चुना जाना लगभग तय है। क्षेत्रीय विधायक संजय सत्येन्द्र पाठक की मंशा के अनुरूप कैमोर की अगली अध्यक्ष प्रतिष्ठित ग्रोवर परिवार की बहू पलक नमित ग्रोवर और विजयराघवगढ़ में शिक्षक परिवार से जुड़ी राजेश्वरी हरीश दुबे होंगी। शेष परिषद यथावत रहेगी।
दरअसल कैमोर और विजयराघवगढ़ नगर परिषद में ढाई – ढाई साल के कार्यकाल की यह पटकथा 2022 में हुए परिषद के आम चुनाव में ही लिख गई थी जब दोनों जगह अध्यक्ष पद के लिए दो – दो दावेदारों ने अपना दावा पेश कर दिया था। कैमोर से जहां 10 नम्बर वार्ड से पार्षद चुनी गई मनीषा अजय शर्मा अध्यक्ष पद की दावेदार थीं वहीं वार्ड नम्बर 3 से सर्वाधिक मतों से जीत दर्ज कर पार्षद चुनी गई पलक नमित ग्रोवर की ओर से भी अध्यक्ष पद के लिए प्रबल दावेदारी की जा रही थी। यही स्थिति विजयराघवगढ़ में भी थी यहां से पार्षद वसुधा मनीष मिश्रा और राजेश्वरी हरीश दुबे अध्यक्ष पद की दावेदार थीं। दोनों जगह पार्षदों का बहुमत भाजपा के पास था ऐसे में दोनों जगह अध्यक्ष – उपाध्यक्ष भाजपा से ही चुना जाना तय था। बहुमत से दूर होने के बावजूद कांग्रेस ने उम्मीद नहीं छोड़ी थी। स्थानीय कांग्रेस नेता भाजपा पार्षदों को उकसाने और बगावत कराने का न केवल मंसूबा पाले बैठे थे बल्कि भाजपा और कुछ निर्दलीय पार्षदों से सम्पर्क भी कर रहे थे।
विधायक ने विरोधियों के मंसूबों को किया ध्वस्त
जिले की तीनों नगर परिषद विजयराघवगढ़, कैमोर और बरही विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र में आती हैं। ऐसे में तीनो नगर परिषदों में भाजपा के ही अध्यक्ष – उपाध्यक्ष चुने जाने का दायित्व पार्टी ने क्षेत्रीय विधायक संजय सत्येन्द्र पाठक को ही सौंप दिया था। अध्यक्ष – उपाध्यक्ष चुनाव से ठीक पहले विधायक श्री पाठक ने अध्यक्ष पद के दावेदारों सहित उनके समर्थक पार्षदों को बुलाकर उनसे चर्चा की और विजयराघवगढ़ तथा कैमोर में अध्यक्ष पद के पांच साल के कार्यकाल का बंटवारा ढाई – ढाई साल करने का प्रस्ताव रखा। सभी ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और ढाई – ढाई साल के इस करार की जिम्मेदारी विधायक श्री पाठक पर ही छोड़ दी। विधायक की रणनीति इतनी सफल रही कि न केवल भाजपा के तमाम पार्षद एक जुट रहे बल्कि कैमोर और विजयराघवगढ़ के निर्दलीय पार्षदों ने भी भाजपा को ही समर्थन दिया। विपक्षी दलों के मंसूबे धरे रह गए। विधायक श्री पाठक के रण कौशल से तीनों नगर परिषदों में भाजपा के अध्यक्ष – उपाध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचित हुए।
फरवरी 2025 में पूरे हो गए थे ढाई – ढाई साल
कैमोर नगर परिषद में ढाई साल का पहला कार्यकाल मनीषा अजय शर्मा का रहा तो विजयराघवगढ़ में पहले ढाई साल परिषद की बागडोर वसुधा मनीष मिश्रा ने सम्हाली। दोनों जगह ढाई साल में अनेक विकास कार्य हुए। दोनों अध्यक्षों के कार्यकाल की सराहना स्वंय विधायक संजय पाठक कर चुके हैं। पूर्व में हुए करार के तहत परिषदों का ढाई साल का कार्यकाल फरवरी 2025 में ही पूरा हो रहा था पर इस दौरान विधानसभा और लोकसभा चुनाव की आचार संहिता 5-6 माह प्रभावी रहे। इस 6 माह के कार्यकाल को भी दोनों के बीच बांट दिया गया जिससे पहले कार्यभार ग्रहण करने वाले अध्यक्षों को 3 महीने का समय अतिरिक्त मिल गया। कार्यकाल पूरा हो जाने के बाद बीते 3 जून को विधायक श्री पाठक की मौजूदगी में दोनों अध्यक्षो ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे मंज़ूरी के लिए कलेक्टर तक पहुंच चुके हैं। सूत्रों के अनुसार इस्तीफा मंजूरी से लेकर नए चुनाव का सम्मेलन आयोजित करने तक दो से तीन सप्ताह का समय लग सकता है।
कैमोर में पलक नमित ग्रोवर विगढ़ में राजेश्वरी हरीश दुबे को मिलेगा मौका
ढाई – ढाई साल के करार के मुताबिक अब कैमोर नगर परिषद की अगली अध्यक्ष पलक नमित ग्रोवर होंगी। पलक ग्रोवर उच्च शिक्षित ,संस्कारित और शालीन व्यवहार वाली जनप्रतिनिधि हैं। वे उद्योगपति परिवार से हैं। उन्होंने पार्षद के रूप में मिलने वाले मानदेय का भी त्याग कर दिया था। पार्षदों से उनके सम्बन्ध बहुत अच्छे हैं। परिषद के शेष कार्यकाल में नगर विकास की जिम्मेदारी अब उनकी ही होगी। पार्षद के रूप में वे अभी तक केवल एक वार्ड की प्रतिनिधि थीं पर अध्यक्ष पद का प्रभार ग्रहण करते ही पूरे 15 वार्डों की जनप्रतिनिधि होंगी। जनाकांक्षाओं पर वे कितनी खरी साबित हो पायेगी यह आने वाला वक़्त बताएगा।
विजयराघवगढ़ के शिक्षा जगत से जुड़ी राजेश्वरी दुबे के ससुर विजयराघवगढ़ के बीईओ रहे। शिक्षक और प्राचार्य के रूप में उन्होंने विभाग को अपनी सेवाएं दीं। राजेश्वरी के पति हरीश दुबे सहित देवर और जेठ भी शिक्षा विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे। शिक्षक परिवार से राजनीति में आई राजेश्वरी अब विजयराघवगढ़ नगर परिषद की बागडोर सम्हालने तैयार है। दोनों परिषद के भावी अध्यक्षो सहित पार्षदों को भी अब उस सम्मेलन की तिथि का इंतज़ार है जिसमें नए अध्यक्षों के नाम का विधिवत और अधिकृत ऐलान होगा।