Bribery Case : सीबीआइ ने रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी को 1 करोड़ को रिश्वत लेते किया गिरफ्तार, 20 स्थानों पर छापेमारी

नई दिल्ली। सीबीआई ने रविवार को भारतीय रेलवे इंजीनियरिंग सेवा (आइआरइएस) के एक अधिकारी को 1 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में रंगे हाथ गिरफ्तार किया। इस मामले देश भर में 20 स्थानों पर छापेमारी की। यह जानकारी सीबीआइ के अधिकारी ने दी है।
एजेंसी ने 1985 बैच के आईआरईएस अधिकारी के रूप में तैनात महेंद्र सिंह चौहान को हिरासत में लिया, जब उसे कथित रूप से पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) में काम दिलाने के नाम पर रिश्वत की मांग कर रहा था। सीबीआइ के अधिकारी बताया कि अधिकारी असम में मालीगांव में एनएफआर मुख्यालय में तैनात है। एजेंसी ने रिश्वत की रकम बरामद कर ली है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) दिल्ली, असम, उत्तराखंड और दो अन्य राज्यों में 20 स्थानों पर छापेमारी की।
महेंद्र सिंह चौहान के कथित सहयोगी जब रिश्वत ले रहे थे, उसी समय सीबीआई के अफसर मौके पर पहुंच गए और उन्हें धर दबोचा। सीबीआई अफसरों को संदेह है कि महेंद्र सिंह चौहान ने पहले भी रिश्वत लिए होंगे।
घूसखोरी में दो सीबीआइ अधिकारी निलंबित, दो पर कार्रवाई की अनुशंसा
उधर, करीब 4,300 करोड़ की बैंक धोखाधड़ी के दो मामलों में जांच से संबंधित जानकारियां साझा करने और जांच प्रभावित करने के लिए कथित रूप से रिश्वत लेने पर सीबीआइ ने अपने इंस्पेक्टर कपिल धनकड़ और स्टेनोग्राफर समीर कुमार सिंह को निलंबित कर दिया है। साथ ही दो अन्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की है। दो दिन पहले ही जांच एजेंसी ने चारों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि सीबीआइ ने इस मामले में अपने डीएसपी आरके ऋषि और आरके सांगवान के खिलाफ कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग से प्रशासनिक कार्रवाई शुरू करने की अनुशंसा की है। कपिल धनकड़ भारतीय स्टेट बैंक में मैनेजर थे और प्रतिनियुक्ति पर इंस्पेक्टर के तौर पर सीबीआइ में आए थे। एजेंसी ने उन पर कई मामलों की जांच प्रभावित करने और दोनों आरोपित डीएसपी को अहम जानकारियां उपलब्ध कराने के लिए 25 लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगाया है।