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Bihar Elections श्रीनारायण सिंह हत्याकांड का खुलासा, 71 सीटों पर प्रचार थमा

Bihar Live पहले चरण की 71 सीटों के लिए चुनाव प्रचार आज शाम को थम जाएगा. 28 अक्टूबर को होने वाले मतदान में 1066 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला 2 करोड़ 14 लाख 6 हजार 96 मतदाता करेंगे. विधानसभा चुनाव के पहले चरण में बक्सर, कैमूर, भोजपुर, रोहतास, अरवल, औरंगाबाद, जहानाबाद, गया, नालंदा, शेखपुरा, लखीसराय, मुंगेर, जमुई और बांका में मतदान होगा.

बिहार के शिवहर में शनिवार को हुए जनता दल राष्ट्रवादी पार्टी के उम्मीदवार श्रीनारायण सिंह की हत्या मामले का जिला पुलिस ने सोमवार को खुलासा कर दिया है. एसपी संतोष कुमार ने मामले का उद्भेदन करते हुए बताया है कि आ अपराधिक गिरोह के बीच वर्चस्व और प्रतिद्वंदिता को लेकर घटना को अंजाम दिया गया है. उन्होंने बताया कि मृतक गैंगस्टर संतोष झा के शूटर विकास झा उर्फ कालिया ने दिल्ली तिहाड़ जेल से साजिश रची थी. अपराधियों ने पटना राजद कार्यलय तक श्रीनारायण सिंह का पीछा किया था, नामांकन के दिन ही तीन शूटर हत्या करने शिवहर पहुंचे थे, लेकिन काफी संख्या में पुलिस रहने के कारण हत्या नहीं कर पाए थे. कालिया को गैंगस्टर संतोष झा की हत्या में श्रीनारायण सिंह के शामिल होने का शक था. बता दें कि यह सभी बातें घटना में शामिल शूटर नीरज पाठक ने पुलिस हिरासत में बताई है. उसने यह कबूल किया है कि अपराधिक वर्चस्व की लड़ाई में श्रीनारायण सिंह की हत्या की गई है.

बिहार के कैमूर के कूदरा में सोमवार को बीजेपी प्रत्याशी निरंजन राम के समर्थन में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाया है. मनोज तिवारी ने कांग्रेस पार्टी को अधर्मी बताते हुए कहा सुशांत सिंह राजपूत के मामले में महाराष्ट्र सरकार ने एक एफआईआर तक नहीं दर्ज किया. लेकिन नीतीश कुमार ने एफआईआर भी किया और सीबीआई इंक्वायरी भी कराई और इस जांच में सब खुलकर सामने आने वाला भी है. उन्होंने कहा कि जब मैंने गोपालगंज में सुशांत मामले में आवाज उठाई तो मुझे जान से मारने की धमकी दी गई और कहा गया कि मनोज तिवारी तुम सुशांत सिंह के मामले में आवाज मत उठाओ नहीं तो तुमको सभा में गोली मार दी जाएगी. लेकिन मैं कुदरा के धरती से आवाज उठाना चाहता हूं और कांग्रेस और उनके साथ गठबंधन करके खड़े रहने वाले लोगों को बताना चाहता हूं तुम मुझे मार सकते हो लेकिन मैं बिहार के बच्चे के साथ अन्याय होते नहीं देख सकता हूं. यहां बात विकास का होना चाहिए, मारकाट का नहीं.

देश भर में प्याज की कीमत आसमान छू रही है. कोरोना काल प्याज की बढ़ी हुई कीमत आम लोगों को परेशान करने लगी है. ऐसे में चुनावी सरगर्मी के बीच सूबे में ‘प्याज पॉलिटिक्स’ शुरू हो गई है. सोमवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर सत्ता पक्ष पर हमलावर दिखे और हाथों में प्याज की माला लेकर पूछा कि अब यह माला किसे पहनाया जाए? दरअसल, तेजस्वी यादव सोमवार को दस सर्कुलर रोड स्थित आवास से जब चुनाव प्रचार के लिए निकल रहे थे, उस दौरान उन्होंने मीडियाकर्मियों के सामने प्याज की माला लेकर कहा कि बीजेपी के लोग भी पहले प्याज की माला लेकर घूमते थे. अब प्याज सौ रुपये किलो हो गया है, तो प्याज की माला किसको पहनाया जाए? उन्होंने कहा कि वे नीतीश जी को ढूंढ रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मुंह में दही क्यों जमी है? उनको दिख रहा है कि उनकी कुर्सी जा रही है. नीतीश कुमार जी ने परंपरा बना दिया है कि बिहार में कोई भी काम बिना चढ़ावा के नहीं होगा. ब्लॉक से लेकर हर जगह भ्रष्टाचार है.

बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चुनावी सभाओं का दौर जारी है. जनता को रिझाने के लिए सभी पार्टियों के नेता के बीच खुद को बेहतर और विरोधी को बदतर बताने की होड़ मची हुई है. इस चक्कर में कई बार वो ऐसा बयान दे दे रहे हैं, जिससे बाद में उन्हें फजीहत का सामना करना पड़ रहा है. हाल ही में महागठबंधन उम्मीदवार के समर्थन में चुनावी सभा करने पहुंचे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सवर्णों को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिसपर विवाद शुरू हो गई है. आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने एक जमाने में कहा था कि ‘भूरा बाल’ साफ करो, यानि भूमिहार, राजपूत ,ब्राह्मण, लाला को खत्म करो. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने भी कुछ इसी अंदाज में रोहतास के एक विधानसभा में चुनावी सभा के दौरान अगड़ी जाति के बारे में कहा कि जब लालू जी का राज था, तब गरीब लोग बाबूसाहब के सामने सीना तान के चलता था.

बिहार के मुख्यसचिव और डीजीपी ने बीजेपी नेता मनोज तिवारी से देर रात बात की. मनोज तिवारी की सभाओं में आ रही जबरदस्त भीड़ के चलते उनके जान का खतरा बताया गया है. जिसके बाद आज से उनके लिए विशेष सुरक्षा इंतजाम किए जा रहे हैं. मनोज तिवारी की सुरक्षा में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है. आज बिहार में मनोज तिवारी की चार सभाएं है.

चुनावी समर में इस बार भगवान राम की नहीं बल्कि उनकी पत्नी सीता माता की एंट्री हुई है. मां सीता की जन्मस्थली बिहार के चुनाव में इस बार अचानक माता सीता का नाम आने से उत्सुकता बढ़ गई है. लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने ये काम किया है. चिराग पासवान रविवार को बिहार के सीतामढ़ी में पुनौरा धाम स्थित माता सीता जन्मस्थान मंदिर पहुंचे. यात्रा का मकसद तो विजयादशमी के दिन मां सीता के दर्शन करना बताया गया लेकिन इसके पीछे की राजनीति को समझना मुश्किल नहीं है. चिराग पासवान ने एक तीर से कई शिकार करने की कोशिश की है. सबसे पहले मंदिर में दर्शन करके उन्होंने बिहार की महिला मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की है.

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