Latest

Bihar Election 2025: तेजस्वी की ताकत हुई फीकी, नीतीश–भाजपा ने दोहराया 2010 जैसा प्रचंड प्रदर्शन

Bihar Election 2025: तेजस्वी की ताकत हुई फीकी, नीतीश–भाजपा ने दोहराया 2010 जैसा प्रचंड प्रदर्शन

Bihar Election 2025: तेजस्वी की ताकत हुई फीकी, नीतीश–भाजपा ने दोहराया 2010 जैसा प्रचंड प्रदर्शन। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने गए हैं. दोपहर 1 बजे तक के आए रुझानों और नतीजों में एनडीए की बंपर जीत हो रही है. राज्य की 243 विधानसभा सीटों में से एनडीए 190-199 सीटों पर आगे चल रही है ।

 

जबकि विपक्षी इंडिया गठबंधन (महागठबंधन) का सूपड़ा साफ हो गया है. महागठबंधन की अभी तक 50 सीटों का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाया है. 2025 की एनडीए की ये जीत एक बार फिर से साल 2010 के विधानसभा चुनाव नतीजों की याद दिलाता है. ये वो चुनाव था जिसमें बीजेपी और नीतीश कुमार की जेडीयू ने केवल कमाल ही नहीं बल्कि विपक्ष को जबरदस्त झटका भी दिया था.

2010 का वो दौर था बिहार की राजनीति में लालू यादव सक्रिय थे. तेजस्वी यादव उस समय शायद सियासत की ककहरा सीख रहे थे. मौजूदा समय में लालू यादव उम्र और तमाम आरोपों और सजा की वजह से सियासत से दूरी बना चुके हैं. उनकी सियासत अब अपने आवास सीमित हो गई है. पार्टी के मुखिया जरूर हैं, लेकिन मौजूदा समय में टिकट बंटवारे से लेकर सियासी रणनीति का पूरा जिम्मा तेजस्वी यादव के हाथों में था. एक दो जनसभाओं को छोड़ दें तो लालू यादव प्रचार से दूर ही रहे. चुनाव की पूरी कमान तेजस्वी यादव के कंधों पर थी, लेकिन जो नतीजे सामने आए हैं वो 2010 की याद दिलाते हैं.

2010 में कैसा था सीट शेयरिंग?

बिहार में 2010 में हुए विधानसभा चुनाव पर नजर डाले तो तब भी नीतीश कुमार की जेडीयू एनडीए का हिस्सा थी. तब के सीट शेयरिंग की बात करें तो जेडीयू 141 सीटों पर चुनाव लड़ी थी जबकि बीजेपी 102 सीटों पर मैदान में उतरी थी. इस चुनाव में बिहार बीजेपी की ओर से सुशील कुमार मोदी जाना माना चेहरा हुआ करते थे, हालांकि, अब उनका निधन हो चुका है.

लालू प्रसाद यादव की आरजेडी 168 सीट पर और राम विलास पासवान की एलजेपी 75 सीटों पर चुनाव उतरी थी. वहीं, कांग्रेस अकेले अपने दम पर राज्य की सभी 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारी थी. इस चुनाव में महागठबंधन नहीं था. गठबंधन था, लेकिन वो केवल आरजेडी और एलजेपी के बीच था. तब एलजेपी के मुखिया राम विलास पासवान थे और उस समय उन्होंने लालू यादव के साथ जाने का फैसला किया था.

एनडीए रिकॉर्ड 206 सीट जीती थी

चुनाव नतीजों की बात करें तो NDA रिकॉर्ड 206 सीट जीतने में सफल रही थी जबकि विपक्षी आरजेडी, एलजेपी और कांग्रेस को केवल 25 सीटों पर संतोष करना पड़ा था. चुनाव में जेडीयू 115 और बीजेपी 91 सीट जीतने में सफल रही थी. दूसरी ओर विपक्ष की ओर से आरजेडी से 22, एलजेपी 3 और कांग्रेस 4 सीट जीती थी. अन्य की बात करें तो सीपीआई-1, आईएनडी-6 और जेएमएम 1 सीट जीती थी. इस तरह से 2010 के चुनाव में एनडीए को ऐतिहासिक जीत मिली थी जबकि विपक्षी दल 50 का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाए थे. यही मिली जुली स्थिति इस बार भी देखने को मिल रही है.

2005 की तुलना में जेडीयू को 27 सीटों का हुआ था फायदा

फायदे नुकसान की बात करें तो 2005 चुनाव की तुलना में 2010 में जेडीयू को 27 सीटों का फायदा हुआ था जबकि बीजेपी को 36 सीटें ज्यादा जीतकर आई थी. वहीं, विपक्ष की बात करें तो तब उसे 32 सीटों की नुकसान उठाना पड़ा था. जेडीयू के वोट परसेंटेज में 2.12 फीसदी का उछाल देखने को मिला था. इसी तरह से बीजेपी का वोट परसेंटेज भी 0.84 फीसदी बढ़ा था. दूसरी ओर आरजेडी को 4.36 फीसदी वोटों का नुकसान उठाना पड़ा था.

Back to top button