रुद्राक्ष पहनने के लाभ: जब कभी भी किसी ज्योतिष को कुंडली दिखाने जाते हैं जातक तो अक्सर देखा जाता है कि ज्योतिषाचार्य रत्नों को पहनने की सलाह देते हैं मान्यताएं कई वर्षों से ऐसी हैं की रत्नों को धारण करने से ग्रहों की पीड़ा को दूर किया जा सकता है।
लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं रत्नों से भी ज्यादा चमत्कारी रुद्राक्षों की, जी हां अक्सर देखा गया है की जातक महंगे रत्नों को पहनने में बिलकुल भी संकोच नहीं करते पर्वजब बात आती है रुद्राक्ष धारण करने की तो लोगों को यह लगता हैं की लोग उन्हें रुद्राक्ष धारण किए देखेंगे तो किसी प्रकार की टिप्पणी ना कर दें
आज हम आपको बताने जा रहे हैं रुद्राक्ष की महिमा के बारे में रुद्राक्ष शब्द दो अक्षरों से मिलकर बना है रुद्र जिसका अर्थ होता है साक्षात भगवान शिव और अक्ष जिसका अर्थ होता है आंसू रुद्राक्ष भगवान शिव के आंसुओं से निकला फल है। रुद्राक्ष की महिमा अपार है जब कभी किसी जातक को ग्रह पीड़ा होती है तो वह रत्नों को धारण करता है पर आज हम आपको बता रहे हैं की ये रुद्राक्ष रत्नों से भी अधिक शक्तिशाली होते है। अक्सर देखा जाता है की किसी किसी व्यक्ति को रत्न सूट नही करते और उन्हें नुकसान पहुंचाते है।
किंतु रुद्राक्ष एक मात्र ऐसा फल है जिसको धारण करने पर आपको भगवान शिव का आशीर्वाद तो मिलता ही है साथ ही साथ सभी ग्रहों को शुभता देने का काम भी रुद्राक्ष करता है। रुद्राक्ष अलग अलग मुखियों में पाए जाते है आज हम आपको बता रहे है विभिन्न रुद्राक्ष और उनके लाभ
पुराणों में प्रत्येक रुद्राक्ष का अलग-अलग महत्व और उपयोगिता का उल्लेख किया गया है
एक मुखी – सूर्य ग्रह स्वास्थ्य, सफलता, मान-सम्मान, आत्म विश्वास, आध्यात्म, प्रसन्नता, अनायास धनप्राप्ति, रोगमुक्ति तथा व्यक्तित्व में निखार और शत्रुओं पर विजय प्राप्त कराता है।
दो मुखी – चंद्र ग्रह – वैवाहिक सुख, मानसिक शान्ति, सौभाग्य वृद्धि, एकाग्रता, आध्यात्मिक उन्नति, पारिवारिक सौहार्द, व्यापार में सफलता और स्त्रियों के लिए इसे सबसे उपयुक्त माना
तीन मुखी – मंगल ग्रह- शत्रु शमन और रक्त सम्बन्धी विकार को दूर करने में सहायक होता है ।
चार मुखी – बुध ग्रह – शिक्षा, ज्ञान, बुद्धि – विवेक, और कामशक्ति में वृद्धि प्राप्त कराता है।
पांच मुखी – गुरु ग्रह – शारीरिक आरोग्यता, अध्यात्म उन्नति, मानसिक शांति और प्रसन्नता के लिए भी इसका उपयोग किया होता है ।
छः मुखी – शुक्र ग्रह – प्रेम सम्बन्ध, आकर्षण, स्मरण शक्ति में वृद्धि, तीव्र बुद्धि, कार्यो में पूर्णता और व्यापार में आश्चर्यजनक सफलता प्राप्त कराता है।
सात मुखी – शनि ग्रह- शनि दोष निवारण, धन-संपत्ति, कीर्ति, विजय प्राप्ति, और कार्य व्यापार आदि में बढ़ोतरी कराने वाला है ।
आठ मुखी – राहू ग्रह- राहु ग्रह से सम्बंधित दोषों की शान्ति, ज्ञानप्राप्ति, चित्त में एकाग्रता, मुकदमे में विजय, दुर्घटनाओं तथा प्रबल शत्रुओं से रक्षा, व्यापार में सफलता और उन्नतिकारक है।
नौ मुखी – केतू ग्रह- केतु ग्रह से सम्बंधित दोषों की शान्ति, सुख-शांति, व्यापार वृद्धि, धारक की अकालमृत्यु नहीं होती तथा आकस्मिक दुर्घटना का भी भय नहीं रहता ।
10 मुखी – भगवान महावीर – कार्य क्षेत्र में प्रगति, स्थिरता व वृद्धि, सम्मान, कीर्ति, विभूति, धन प्राप्ति, लौकिक-पारलौकिक कामनाएँ पूर्ण होती हैं ।
11 मुखी – इंद्र ग्रह – आर्थिक लाभ व समृद्धिशाली जीवन, किसी विषय का अभाव नहीं रहता तथा सभी संकट और कष्ट दूर हो जाते हैं ।
12 मुखी – भगवान विष्णु ग्रह – विदेश यात्रा, नेतृत्व शक्ति प्राप्ति, शक्तिशाली, तेजस्वी बनाता है। ब्रह्मचर्य रक्षा, चेहरे का तेज और ओज बना रहता है। शारीरिक एवं मानसिक पीड़ा मिट जाती है।
13 मुखी – इंद्र ग्रह- सर्वजन आकर्षण व मनोकामना प्राप्ति, यश-कीर्ति, मान-प्रतिष्ठा व कामदेव का प्रतीक है। उपरी बाधा और नजर दोष से बचाव के लिए विशेष उपयोगी है |
14 मुखी – शनि ग्रह – आध्यात्मिक उन्नति, शक्ति धन प्राप्ति व कष्टनिवारक हैं। शनि की साढ़ेसाती या ढैया में विशेष कष्टनिवारक है।