Ayodhya Ram Mandir: प्रधानमंत्री मोदी की अपने कैबिनेट सहयोगियों को सलाह , कहा- फिलहाल अभी न जाएँ राम मंदिर दर्शन करने
Ayodhya Ram Mandir: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीते बुधवार को अपने कैबिनेट सहयोगियों को एक महत्वपूर्ण सलाह दी: फिलहाल राम मंदिर की यात्रा टालने का सुझाव दिया। यह निर्णय अचानक नहीं लिया गया है, बल्कि इसके पीछे कई ठोस कारण हैं और ये कारण उजागर करते हैं कि प्रधानमंत्री ने एक विवेकपूर्ण कदम उठाया है।
पहला प्रमुख कारण अयोध्या की बढ़ती हुई भारी भीड़ है। राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) के निर्माण के बाद से ही बड़ी संख्या में भक्तगण अयोध्या की ओर खिंचे चले आ रहे हैं। यह भीड़ किसी त्योहार के उन्माद से कम नहीं है। ऐसे में हर दिन सुरक्षा प्रबंधन को एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ता है। केंद्रीय मंत्रियों की इस समय हुई यात्रा से निश्चित रूप से वीवीआईपी सुरक्षा इंतजामों और भारी पुलिस बल की तैनाती की जरूरत पड़ेगी, जिससे पहले से ही तनावग्रस्त सुरक्षा तंत्र पर और दबाव बढ़ सकता है। अतिरिक्त भीड़ से आम श्रद्धालुओं को असुविधा हो सकती है और दर्शन के पवित्र अनुभव में व्यवधान पड़ सकता है।
दूसरा महत्वपूर्ण कारण वीआईपी प्रोटोकॉल से होने वाली परेशानी है। किसी भी मंत्री की यात्रा के दौरान उनका सुरक्षा घेरा, आने-जाने का रास्ता, यातायात व्यवस्था आदि सभी को एक विशेष प्रोटोकॉल के तहत चलाया जाता है। ऐसे में, कई कैबिनेट मंत्रियों की ताबड़तोड़ यात्रा से अयोध्या की व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो सकती है। आम जनता को अपने ही शहर में आने-जाने में समस्याएं आ सकती हैं, उन्हें लंबे जाम का सामना करना पड़ सकता है और प्रार्थना-दर्शन के लिए निर्धारित समय में देरी हो सकती है।
तीसरा, आध्यात्मिक और धार्मिक अनुभव किसी तरह की प्रतियोगिता नहीं है। मंदिर दर्शन एक आत्मिक यात्रा है और मंत्रियों के लिए भी इसे उसी श्रद्धा और विनम्रता के साथ करना चाहिए। भीड़ के बीच, प्रोटोकॉल के तामझाम में इस आध्यात्मिकता को खोया जाना निश्चित है। प्रधानमंत्री का सुझाव यह सुनिश्चित करता है कि मंत्रियों को भी शांत वातावरण में दर्शन का अवसर मिले और उनका अनुभव तनावपूर्ण न हो।
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इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने मार्च को यात्रा का संभावित समय सुझाया है। मार्च तक आते-आते मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) निर्माण का काम काफी हद तक पूरा होने की उम्मीद है। तभी आसपास का इलाका व्यवस्थित होगा और भीड़ का दबाव भी कुछ कम होगा। इससे वीआईपी यात्राओं का प्रबंधन सरल हो जाएगा और आम श्रद्धालुओं को भी परेशानी नहीं होगी।
प्रधानमंत्री मोदी की यह सलाह न केवल एक सराहनीय पहल है, बल्कि इससे जनता का यह विश्वास भी मजबूत होता है कि वे सरकार के सर्वोच्च पद पर बैठे व्यक्ति से सीधे जुड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री ने धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए व्यावहारिक सलाह देकर समाज में सद्भावना और अनुशासन बनाए रखने की दिशा में एक सकारात्मक कदम उठाया है।
यात्राओं से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। इससे भी ज्यादा जरूरी है कि राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) के पवित्र परिसर में धार्मिक अनुभव को किसी भी व्यवधान से बचाया जाए।
इसलिए, प्रधानमंत्री का सुझाव सभी के लिए लाभदायक है। आम श्रद्धालुओं को शांतिपूर्ण दर्शन का अनुभव होगा, सुरक्षा व्यवस्था पर दबाव कम होगा.
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