PM Modi in US पहली बार अमेरिकी संसद में ऐसा नजारा, पीएम मोदी से आटोग्राफ सेल्फी लेने अमेरिकी सांसदों की लगी कतार, पढ़िए पूरा भाषण
PM Modi in US पहली बार अमेरिकी संसद में ऐसा नजारा दिखा। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आटोग्राफ और सेल्फी लेने अमेरिकी सांसद की कतार लग गई। दरअसल संसद में भाषण के बाद पीएम मोदी सांसद से मिलने लगे बस फिर क्या था एक के बाद एक अमेरिकी सांसद उनके साथ सेल्फी के लिए बेचैन हो गए। तमाम सांसदों ने मोदी से आटोग्राफ लिए। ऐसा नजारा अमेरिकी संसद में पहली बार दिखा। यही नहीं मोदी के भाषण में कई बार तालियां गूँजी और मोदी मोदी भारतमाता की जय के नारे भी खूब लगे। अमेरिका की संसद मानों कुछ देर के लिए भारत की संसद बन गई।
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi concludes his address to the joint sitting of the US Congress with a standing ovation and loud cheers from the Congressmen.
PM Modi is now meeting them in the House of Representatives. pic.twitter.com/avMa4MmQkU
— ANI (@ANI) June 22, 2023
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी संंसद को संबोधित करते हुए जैसे ही उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का जिक्र किया, सदन में उपस्थित सभी सांसदों ने खड़े होकर तालियां बजाईं। कमला हैरिस ने भी खड़े होकर पीएम मोदी का अभिवादन किया। पीएम मोदी ने कहा कि ‘अमेरिका की बुनियाद लोगों के बीच समानता पर टिकी है। आपने दुनियाभर से यहां आए लोगों को अमेरिका के सपने में समान रूप से साझेदार बनाया है। यहां पर लाखों लोग ऐसे हैं, जिनकी जड़ें भारत से हैं। उनमें से कुछ यहां गर्व के साथ संसद में बैठे हैं। इनमें से ही एक मेरे पीछे भी खड़ी हैं (कमला हैरिस), जिन्होंने इतिहास रच दिया था। मुझे बताया गया है कि समोसा कॉकस का जायजा अब संसद में नजर आता है। मुझे उम्मीद है कि विविध भारतीय पकवान भी यहां नजर आएंगे।’
उन्होंने कहा कि ‘इतिहास में देखें तो एक बात साफ है, लोकतंत्र ही वह जज्बा जो समानता लाता है। लोकतंत्र ही चर्चा और विमर्श को बढ़ावा देता है। लोकतंत्र ही विचारों और अभिव्यक्ति को मौका देता है। …और भारत तो लोकतंत्र की जननी है। एकम सत , विप्रा बहुधा वदन्ति। यानी सच एक है, बुद्धिमान लोग इसे अलग-अलग तरह से कहते हैं। भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है। भारत-अमेरिका मिलकर दुनिया को बेहतर भविष्य दे सकते हैं।
जानिए क्या है समोसा कॉकस
अमेरिका में भारतीय मूल के सांसदों को अनौपचारिक रूप से समोसा कॉकस (Samosa Caucus) कहा जाता है। अमेरिका में वर्ष 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में समोसा कॉकस की कहानी शुरू हुई थी। उस चुनाव में पहली बार भारतीय मूल के कुछ सांसद निर्वाचित हुए थे। बाद में ये संसद में अक्सर आपस में मुलाकात करते थे। उस दौरान हाउस ऑफ रिप्रिजेंटेटिव के सदस्य राजा कृष्णमूर्ति ने पहली बार इस समूह को समोसा कॉकस नाम दिया था। कमला हैरिस भी इस समूह की प्रमुख सदस्य थीं, जो वर्तमान में अमेरिका की उपराष्ट्रपति हैं। राजा कृष्णमूर्ति का कहना था कि उन्होंने अमेरिकी संसद में भारतीय मूल के सांसदों की संख्या को रेखांकित करने के लिए समोसा कॉकस नाम दिया।
यूक्रेन, चीन और पाकिस्तान के बारे में क्या बोले प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन संकट पर चिंता जताई। इसी के साथ-साथ चीन और पाकिस्तान का नाम लिए बिना दोनों देशों पर उन्होंने निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण का एक नुकसान यह हुआ है कि सप्लाई चेन सीमित हो गई है। हम मिलकर कोशिश करेंगे कि सप्लाई चेन भी विकेंद्रीकृत और लोकतांत्रिक हो। तकनीक ही सुरक्षा और खुशहाली को तय करेगी। यूक्रेन संकट की वजह से यूरोप जंग के साये में है। इसमें कई शक्तियां शामिल हैं, इसलिए नतीजे गंभीर हैं। युद्ध के कारण विकासशील देश प्रभावित हुए हैं।
उन्होंने कहा कि यूएन चार्टर के मुताबिक विवादों का शांतिपूर्ण समाधान और दूसरों की संप्रभुता का सम्मान होना चाहिए। मैंने खुलकर और जाहिर तौर पर कहा है कि यह जंग का दौर नहीं है, बल्कि संवाद और कूटनीति का दौर है। हमें रक्तपात और लोगों को हो रही पीड़ा को मिलकर रोकना चाहिए।
चीन और पाकिस्तान के बारे में उन्होंने कहा कि टकराव के काले बादल हिंद प्रशांत क्षेत्र पर भी असर डाल रहे हैं। क्षेत्र में स्थिरता हमारी साझा चिंता है। हम मिलकर खुशहाली चाहते हैं। 9/11 और 26/11 के बाद चरमपंथ एक बड़ी चिंता बन गया है। आतंकवाद इंसानियत का दुश्मन है और इससे निपटने के लिए कोई किंतु-परंतु नहीं होना चाहिए। आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले और आतंकवाद का निर्यात करने वालों के खिलाफ हमें मिलकर लड़ना चाहिए।
पीएम ने कहा कि हम ऐसे इकलौते जी-20 देश हैं, जिन्होंने पेरिस समझौते के तहत प्रतिबद्धताओं को पूरा किया है। हम यहीं नहीं रुके। ग्लासगो समिट में मैंने मिशन लाइफ का जिक्र किया था। आज भारत और अमेरिका समुद्र से लेकर अंतरिक्ष तक, कारोबार, कृषि, वित्त, कला और AI, स्वास्थ्य सेवा में मिलकर काम कर रहे हैं। भारत-अमेरिका के बीच सहयोग की गुंजाइश असीमित है। सिर्फ स्पेलिंग बी में नहीं, भारतीय अमेरिकी हर क्षेत्र में अच्छा काम कर रहे हैं।
हर सौ मील पर बदल जाता है खान-पान
पीएम मोदी ने भारत की विविधता के बारे में बताते हुए कहा कि हमारे यहां 2500 राजनीतिक दल हैं। हां, आपने सही सुना, ढाई हजार। 20 अलग-अलग दल भारत के अलग-अलग राज्यों में सत्ता में हैं। हमारे यहां 22 आधिकारिक भाषाएं हैं, हजारों बोलियां हैं। इसके बाद भी हम एक स्वर में बात करते हैं। (इस पर दोबारा मोदी-मोदी के नारे लगे) उन्होंने कहा कि हमारे यहां हर सौ मील पर खान-पान बदल जाता है। डोसा से आलू पराठा तक और श्रीखंड से संदेश तक, हम सभी का लुत्फ उठाते हैं।
हम तेजी से बढ़ रहे हैं
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि आज दुनिया भारत के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानना चाहती है। मैं इस सदन में भी यही जिज्ञासा देखता हूं। हमने पिछले एक दशक में सौ से ज्यादा अमेरिकी सांसदों की मेजबानी की है। हर कोई भारत के लोकतंत्र, विकास और विविधता के बारे में जानना चाहता है। भारत कभी 10वीं बड़ी अर्थव्यवस्था था, आज भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। (इस पर फिर मोदी-मोदी के नारे लगे) उन्होंने कहा कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। हम सिर्फ बड़े नहीं हो रहे, हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।