सूचना के अधिकार से पहले रिश्वत का अधिकार? रंगे हाथ 20 हजार लेते पकड़ा गया कर्मचारी
सरकार ने सूचना का अधिकार इसलिए दिया कि लोगों को सही जानकारी मिले लेकिन इस जानकारी को देने के लिए भी रिश्वत देना पड़े तो यह अत्यंत निराशाजनक है। ऐसा ही मामला भोपाल में आया, सूचना देने के एवज में 20 हजार की रिश्वत लेते सूचना विभाग का कर्मचारी पकड़ा गया। जानिए पूरा मामला
लोकायुक्त पुलिस ने गुरुवार को राज्य सूचना आयोग के कर्मचारी को पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा है। आरोपित ने फरियादी से सूचना की जानकारी देने के नाम पर बीस हजार रुपये की मांग की थी।
लोकायुक्त पुलिस के मुताबिक मोहम्मद हारून नीलगर निवासी ग्राम उमर तहसील सिंगोली जिला नीमच ने अपने भू स्वामित्व के संबंध में दस्तावेज प्राप्त करने के लिए सूचना के अधिकार के तहत अपनी ग्राम पंचायत उमर में आवेदन किया था।
अपूर्ण जानकारी मिलने पर उसने प्रथम अपील अधिकारी जनपद पंचायत जावरा के पास अपील की। वहां से भी जानकारी प्राप्त न होने पर 24 मई को राज्य सूचना आयोग अरेरा हिल्स भोपाल में अपील लगाने पहुंचा था, जहां पर पदस्थ अकाउंट शाखा के कर्मचारी बृजेश पुत्र पद्मनाथ कुशवाह निवासी ईश्वर नगर मीरा मंदिर ने रजिस्ट्रेशन कराकर अपील पर जल्दी कार्रवाई करने के लिए 20 हजार रुपये की मांग की।
इसकी शिकायत आवेदन हारून ने 24 मई को ही पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त मनु व्यास से की। शिकायत के सत्यापन के बाद तत्काल ही लोकायुक्त दल ने पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन में कार्रवाई कर साईं बाबा बोर्ड चौराहे पर आरोपित को फरियादी हारून से पांच हजार की रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया। आरोपित के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।