UPSC की परीक्षा में 184 रैंक को लेकर मध्य प्रदेश की दो उम्मीदवार दावा, हैरान रह जाएंगे आप
UPSC यूपीएससी की परीक्षा में 184 रैंक को लेकर मध्य प्रदेश की दो उम्मीदवार दावा कर रही हैं। दोनों का नाम और रोल नंबर एक ही बताया जा रहा। आयशा नाम की दो उम्मीदवारों ने अपने सफल होने का दावा करते हुए विचित्र स्थिति पैदा कर दी। दोनों उम्मीदवार मध्यप्रदेश के अलीराजपुर और देवास की रहने वाली है। इनके नाम भी एक हैं और रोल नंबर भी एक। दोनों की 184 वीं रैंक आई है और दोनों आयशा का दावा है जिसका चयन हुआ वो मैं ही हूं।
अभी यह स्पष्ट नहीं कि सही कौन है और रैंक किसकी आई! देश की सबसे महत्वपूर्ण परीक्षा में एक ही रोल नंबर और नाम की वजह से रिजल्ट पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। जैसे ही यूपीएससी का परीक्षा परिणाम सामने आया, वैसे ही मध्य प्रदेश के देवास और अलीराजपुर में खुशियां मनाई जाने लगीं। आयशा नाम की दोनों उम्मीदवारों ने अपने सिलेक्ट होने का दावा करते हुए लोगों की बधाइयां स्वीकार करना शुरू कर दीं। देवास की आयशा फातिमा का दावा ज्यादा मजबूत दिखाई दे।
देवास की आयशा के एडमिट कार्ड पर UPSC का वाटर मार्क है। जबकि, अलीराजपुर की आयशा का एडमिट कार्ड सादे कागज पर प्रिंट आउट जैसा है। दूसरा कारण ये कि देवास की आयशा के एडमिट कार्ड में QR कोड है, जिसे स्कैन करने पर वही जानकारी सामने आ रही है, जो एडमिट कार्ड में लिखी है। जबकि, अलीराजपुर की आयशा के एडमिट कार्ड में क्यूआर कोड नहीं है।
तीसरा कारण यह कि अलीराजपुर की आयशा मकरानी के एडमिट कार्ड में पर्सनालिटी टेस्ट की तारीख 25 अप्रैल लिखी थी और दिन गुरुवार बताया गया। जबकि, देवास की आयशा फातिमा के कार्ड पर भी पर्सनालिटी टेस्ट की तारीख 25 अप्रैल है, लेकिन दिन मंगलवार था। वास्तव में 25 अप्रैल को मंगलवार था। अलीराजपुर की आयशा अपने साथ फ्रॉड होने की बात कह रही हैं, जबकि देवास की आयशा अपनी इस उपलब्धि को लेकर पूरी तरह कॉन्फिडेंट हैं।
नाम भी समान होने की वजह से ऐसी स्थिति बनना बताया जा रहा है। इस दौरान अलीराजपुर की आयशा को एक मेल भी यूपीएससी की और से आया है। इसमें बताया गया है कि तीन लोगों के एक जैसा नाम होने की वजह से नाम में परिवर्तन किया गया है। आयशा फातिमा ने अपनी सफलता को लेकर सटीक दावा किया है। उनका कहना है कि परीक्षा परिणाम उन्हीं का है, जबकि अलीराजपुर की आयशा मकरानी का दावा है कि उन्होंने भी 10 से 12 घंटे पढ़ाई कर सफलता अर्जित की। आयशा मकरानी के भाई शहबाजुद्दीन का कहना है कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।