Indian Railways Baby Berth: ट्रेन में पांच साल तक के बच्चों के लिए किया जा रहा है बदलाव, कुछ ऐसी होगी नई बेबी-बर्थ
Indian Railways Baby Berth: ट्रेन में पांच साल तक के बच्चों के लिए किया जा रहा है बदलाव, कुछ ऐसी होगी नई बेबी-बर्थ , ट्रेनों में सफर करने वाली मां और बच्चे का सफर अब पहले से ज्यादा आरामदायक हो सकेगा। भारतीय रेलवे ने पांच साल तक के बच्चों के लिए अलग से बेबी बर्थ बनाने पर मंथन करना शुरू कर दिया है। आने वाले दिनों में बेबी बर्थ का सेकंड ट्रायल शुरू किया जाएगा। इसकी सफलता के बाद सभी ट्रेनों में बेबी बर्थ को लेकर बदलाव किया जाएगा। हालांकि बच्चों की इस स्पेशल बर्थ का क्या किराया होगा ये रेलवे बोर्ड तय करेगा।
दरअसल, कुछ समय पहले ट्रेन में ट्रायल के तौर पर बेबी बर्थ की सुविधा की शुरू की गई थी। 08 मई 2022 को लखनऊ मेल से इसका ट्रायल शुरू हुआ। ट्रायल के कुछ दिन बाद सोशल मीडिया पर इसकी सराहना के साथ जो कमियां आ रही थीं, इसके बाद से बेबी बर्थ की कमियों को दूर करने के लिए फिर से काम किया गया है। अब नए बदलाव के साथ फिर से दूसरे ट्रायल के लिए बेबी बर्थ तैयार हो चुकी है। जल्द ही इसका भी ट्रायल होगा। बच्चों के हिसाब से तैयार की गया ये नया डिजाइन पहले के मुकाबले ज्यादा आरामदायक और सुरक्षित होगा।
मध्यप्रदेश से राज्यसभा सांसद और भाजपा नेता डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी कहते हैं कि हाल ही में उन्होंने बेबी-बर्थ की डिजाइन में बदलाव को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की थी। इस दौरान मैंने रेल मंत्री को सुझाव दिया था कि, सामान्य बर्थ पर मां और बच्चे को एक साथ सोने में बहुत दिक्कत होती है। ऐसी स्थिति को देखते हुए बेबी-बर्थ की डिजाइन में कुछ बदलाव किया जाना चाहिए।
डॉ. सोलंकी कहते हैं कि बेबी-बर्थ के मुद्दे को लेकर अब तक मैं तीन बार रेलमंत्री से मुलाकात कर चुका हूं। उन्होंने मेरे सुझाव पर एक ट्रेन में नई डिजाइन वाली बेबी बर्थ का सेकंड ट्रायल शुरू कर दिया है। इस नई बेबी-बर्थ को हर कोच में हर सीट के साथ लगाने की जरुरत नहीं होगी। जो यात्री टिकट बुक करते समय इस बेबी-बर्थ को बुक करेगा, रेलवे उसे यह अलॉट कर देगा। हर सीट पर बेबी-बर्थ को लगाने के लिए यात्री टीटीई या रेलवे स्टाफ से संपर्क कर सकेंगे। बेबी बर्थ हुक की मदद से सामान्य बर्थ से अटैच की जा सकेगी। नई डिजाइन वाली बेबी-बर्थ को सभी श्रेणी के कोचों में बहुत ही आसानी से लगाया जा सकेगा। इसकी लागत भी रेलवे को प्रति बर्थ 100 रुपये से कम की आ रही है।
जानकारी के मुताबिक, पहले ट्रायल के दौरान बेबी बर्थ सामान्य बर्थ की तरफ खुली हुई थी। इससे बच्चे को चोट लगने या फिर ऊपर के बर्थ से बच्चे के ऊपर कोई सामान के गिरने का डर रहता था। इन कमियों को ध्यान में रखते हुए बेबी बर्थ को सुरक्षित पर्दा से ढका जाएगा। ताकि बच्चा सुरक्षित सो सके और मां बच्चे को स्तनपान भी करा सकेगी। इसके अलावा छोटे बच्चों को ध्यान में रखते हुए पर्दे पर कार्टून भी छपे होंगे। बर्थ के सफल ट्रायल होने के बाद जल्द ही सभी ट्रेनों में बेबी बर्थ की सुविधा दी जाएगी।