विश्व की सबसे ऊंची भगवान परशुराम की प्रतिमा के साथ अद्भुत धार्मिक, आध्यात्मिक तीर्थ क्षेत्र एवं आधुनिक पर्यटन स्थल बनेगा विजयराघवगढ़, जानिए वो संकल्प जो होंगे साकार
कटनी। कल विजयराघवगढ़ में धर्म, संस्कृति, परम्परा का अद्भुत संगम दिखा। विजयराघवगढ़ से कुछ दूर बंजारी में विजयराघवगढ़ महोत्सव के भूमि पूजन अवसर पर श्री श्री 1008 युवराज स्वामी बदरी प्रपन्नाचार्य जी महाराज ने अपने आशीर्वचन में विधायक संजय पाठक को न सिर्फ आशीर्वाद दिया वरन संजय की कल्पना को दिव्य कल्पना निरूपित करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में विजयराघवगढ़ मध्यप्रदेश ही नहीं देश का अलौकिक तीर्थ औऱ धार्मिक आध्यात्मिक भव्य स्थल बनेगा।
दिव्य स्वरूप देने का संकल्प
यह स्थल महानदी और कटनी नदी के संगम से सटे राजा पहाड़ पर भगवान श्री परशुराम की गगनचुंबी अष्टधातु की 108 फीट ऊंची प्रतिमा स्थल के पास होगा। इस स्थान को दिव्य स्वरूप देने का जो संकल्प विधायक संजय पाठक ने लिया है वह क्षेत्र ही नहीं समूचे प्रदेश और देश की सांस्कृतिक विरासत के लिए सुनहरा अध्याय बनने वाला है। श्री पाठक ने इस कल्पना को साकार करने के लिए जन जन के सहयोग की अपेक्षा की है।
नदियों के संगम स्थल प्रयाग जैसा तीर्थ
कल इस अवसर पर विधायक संजय पाठक ने जिस अनुपम संकल्प के बारे में जानकारी दी जिसे सुनकर कोई भी रोमांचित हो जाएगा। कटनी से 35 किलोमीटर दूर ऐतिहासिक विरासत को संजोए विजयराघवगढ़ के नदियों के संगम स्थल “प्रयाग” जैसे तीर्थ क्षेत्र में अगले एक वर्ष में जो कार्य होने की कल्पना का संकल्प लिया गया है वह अद्वितीय है।
राजा पहाड़ के विहंगम स्थल पर विश्व की सबसे ऊँची गगनचुंबी भगवान श्री परशुराम जी की प्रतिमा के साथ इन मंदिरों का निर्माण होगा
राजा पहाड़ के विहंगम स्थल पर विश्व की सबसे ऊँची गगनचुंबी भगवान श्री परशुराम जी की प्रतिमा स्थापित होगी। यही नही अयोध्या में बन रहे विराट श्री राम के मन्दिर के जैसा ही छोटा मंदिर का निर्माण भी होगा। राममय के साथ भगवान श्री कृष्ण के विराट स्वरूप की प्रतिमा दर्शनीय रहेगी। देवों में देव बड़ादेव महादेव की प्रतिमा जन जन के लिए अद्वितीय होगी। माता के भक्तों को माता रानी के 9 स्वरूपो का मंदिर श्रद्धा आस्था और भक्ति की पराकाष्ठा पार करेगी। धर्म संस्क्रति के साथ साथ राष्ट्रभक्ति की मिशाल भी इस अनुपम तीर्थ क्षेत्र में जनाकर्षण का केंद्र बनेगी। यहां भारत माता का भी अदभुत मंदिर बनेगा। भगवान के विविध स्वरूपों के साथ साथ भगवान के उन सेवक भक्तों का दर्शन भी स्थल पर होगा जिनका महत्व भगवान के साथ भक्त के रूप में हम जैसे सेवकों के लिए मिशाल हैं। इस स्थल पर निषादराज जी, शबरी माता का मंदिर का निर्माण किया जाएगा। इन सबके साथ भगवान विष्णु के 10 अवतार का मंदिर बनाने का संकल्प पूर्ण किया जाएगा।
रोपवे के साथ क्रूज चलाने के लिए योजना
तीर्थ क्षेत्र को देश के भव्य पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की प्लानिंग के तहत रोपवे भी बनाया जाएगा। नदी के संगम के साथ विशाल समुद्र का अहसास कराने महानदी की विशाल जलधारा पर बड़ी नाव अर्थात क्रूज़ चलाने की योजना को सार्थक किया जाएगा। जिसमे लगभग 200 लोग नौका विहार कर सकेंगे।
लाइट साउंड शो, लेज़र लाइट शो, सहित कई मनोरंजन साधन
परम्परा के इस अविस्मरणीय निर्वहन के साथ आज के भौतिक युग मे यहां आने वाले पर्यटकों को विश्वस्तरीय सुविधा उपलब्ध कराने रिसॉर्ट होगा, रेस्टॉरेंट होंगे। आगन्तुकों को वैज्ञानिक सुंदरता का बोध कराते लाइट साउंड शो, लेज़र लाइट शो, सहित कई मनोरंजन के साधन निर्मित किये जायेंगे।
श्रद्धालुओं पर्यटको को सुविधा और साधन
श्रद्धालुओं पर्यटको को यहां सुविधा और साधन की कमी न हो लिहाजा लोगों के ठहरने के लिए सुविधायुक्त धर्मशाला होगी। किसी बड़े आयोजन या व्यक्तिगत आयोजन के लिए बारात घर होग। सर्व सुविधाओं से परिपूर्ण मैरिज गार्डन जिसमे करीब 100 कमरे सहित सन्तों के रुकने के लिए कई कुटिया होंगी। इस स्थल को देश के अनूठे धार्मिक आध्यात्मिक क्षेत्र बनाने के लिए लोगों को बैठने बड़े बड़े लॉन बनाये जाएंगे। स्थल को बच्चों के मनोरंजन हेतु रोमांचक झूले होंगे ऐम्पिथिएटर होगा।
हैलीपैड, औऱ वीआईपी रेस्टहाउस बनेगा
वीआइपी / बड़े राजनेता और उद्योगपतियों के आने जाने के लिए हैलीपैड होगा, उनके रुकने के लिए अलग से वीआईपी रेस्टहाउस होगा के निर्माण का संकल्प लिया गया है। आगंतुकों के लिए बहुत ही सस्ते में भोजनालय होगा ज़रूरतमन्द के लिए निःशुल्क भोजन मिलेगा। इस सब से न सिर्फ कटनी जिले का नाम पूरे देश मे रौशन होगा वरन सैकड़ो क्षेत्रीय लोगो को रोज़गार भी मिलेगा।
इस अनुपम स्थल पर सुविधाओं एवं निर्माण की अभी ये प्रारंभिक योजना है। विधायक संजय सत्येंद्र पाठक ने कहा कि पूज्य पिताजी श्री सत्येंद्र पाठक, पूज्य गुरुदेव पंडित देवप्रभाकर शास्त्री दद्दा जी और क्षेत्र के हजारों बुजुर्ग जनों के आशीर्वाद से यह सतत चलने वाली प्रारंभिक कल्पना है। इस योजना को लगातार विस्तारीत रूप दिया जाएगा।
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