Shabash DFO: पेड़ों को बचाने कलेक्टर-SP की शिकायत, चली गई जॉब
आज के जमाने में जब लोग अपनी नौकरी बचाने के लिए नियमों को काटकर उनका सलाद नेताओं की टेबल पर पड़ोस देते हैं, उस जमाने में कुछ अधिकारी ऐसे भी होते हैं जो अपने कर्तव्य के प्रति किसी भी कीमत पर बेईमानी नहीं करते। अनुपम शर्मा IFS एक ऐसा ही नाम है जिसकी चर्चा पूरे मध्यप्रदेश में हो रही है। इन्होंने पेड़ों को बचाने के लिए कलेक्टर एसपी की पोल खोल डाली। बदले में सरकार ने इन्हें इनकी पोस्ट से हटाकर हेड क्वार्टर अटैच कर दिया।
अब तो सभी जानते हैं कि मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में वन माफिया की सत्ता चलती है। 2000 हेक्टेयर से ज्यादा जंगल की जमीन वन माफिया के कब्जे में है। उसने जंगल को काटकर खेत बना दिया है। उसके गिरोह में सेना की बटालियन जितने लोग हैं और तीर कमान से लेकर आधुनिक हथियार तक सब कुछ मौजूद है। बड़े नेताओं और अफसरों को तो सब कुछ पता है लेकिन वन विभाग के मैदानी कर्मचारी यदि कभी कोई कार्यवाही करने जाते तो माफिया उन पर हमला कर देता है। बुरी तरह से घायल करके भेजता है। बदले में कोई कार्रवाई नहीं की जाती। बताने की जरूरत नहीं कि उसके पास पॉलीटिकल पावर है।
माफिया को सबक सिखाने के लिए अनुपम शर्मा IFS को लाया गया था
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