बायोमेट्रिक कैप्चर सिस्टम: घर से हो जाएगा Fingerprint का प्रमाणीकरण
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे ने ऐसा टचलेस बायोमेट्रिक कैप्चर सिस्टम (Touchless biometric capture system) विकसित करने के लिए समझौता किया है, जिसका इस्तेमाल आसानी से किसी भी वक्त, कहीं से भी किया जा सकेगा।
यह यूनिवर्सल ऑथेंटिकेटर बनाने की दिशा में बड़ा कदम होगा। आईआईटी अपने राष्ट्रीय आंतरिक सुरक्षा प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता केंद्र (एनसीईटीआईएस) की मदद से यूआईडीएआई के साथ इस प्रोजेक्ट पर काम करेगा। प्रोजेक्ट का नेतृत्व यूआईडीएआई के हाथ में होगा, जो लगातार आधार प्रणाली के विकास के लिए अनुसंधान और विकास पर काम कर रहा है।
यूआईडीएआई ने आधार आधारित फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण और स्पूफिंग प्रयासों का तेजी से पता लगाने के लिए हाल ही नया सुरक्षा तंत्र शुरू कर चुका है। इसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग (एआई-एमएल) के आधार पर विकसित किया गया है। यह कैप्चर किए गए फिंगरप्रिंट की सजीवता की जांच करने के लिए फिंगर मिन्यूटिया और फिंगर इमेज, दोनों के संयोजन का इस्तेमाल कर रहा है।
टचलेस बायोमेट्रिक कैप्चर सिस्टम विकसित होने के बाद चेहरे की तरह फिंगरप्रिंट का प्रमाणीकरण भी घर बैठे हो सकेगा। नई प्रणाली एक ही बार में कई अंगुलियों के निशान लेगी और प्रमाणीकरण सफलता दर हासिल करने में सहायता करेगी। यह प्रणाली लागू हो जाने के बाद आधार इकोसिस्टम में उपलब्ध सुविधाओं में वृद्धि होगी। इलेक्ट्रॉनिक्स और आइटी मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक, यूआईडीएआई और आईआईटी बॉम्बे टचलेस बायोमेट्रिक कैप्चर सिस्टम पर एक साथ काम करेंगे। अंगुलियों के निशान के लिए दोनों मोबाइल कैप्चर सिस्टम के साथ एकीकृत लाइवनेस मॉडल बनाने के लिए शोध करेंगे। नए सिस्टम से आधार प्रमाणीकरण और मजबूत, सरल तथा सुरक्षित हो जाएगा।
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