निलंबित जेल अधीक्षक उषा राज के लाकर से मिला साढ़े 3 kg Gold
निलंबित जेल अधीक्षक उषा राज के लाकर से मिला साढ़े 3 kg Goldकें। द्रीय जेल भैरवगढ़ के कर्मचारियों के भविष्य निधि खातों से 13.50 करोड़ रुपये के गबन के मामले में पुलिस निलंबित जेल अधीक्षक उषा राज को लेकर बैंक पहुंची थी। यहां उसका लाकर खुलवाया गया था।
लाकर में तीन किलो 718 ग्राम सोना व तीन किलो चांदी के बर्तन मिले हैं। वहीं, चार प्लाट, भोपाल में फ्लैट सहित अन्य दस्तावेज मिले हैं। आरोपित जगदीश परमार व जेल में बंद कैदी को ब्लैकमेल करने के मामले में आरोपित जेल प्रहरी देवेंद्र चौहान को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया।
केंद्रीय जेल भैरवगढ़ के 68 कर्मचारियों के भविष्य निधि खातों से जेल के सहायक लेखा अधिकारी रिपुदमनसिंह, धर्मेंद्र लोधी, शैलेंद्रसिंह सिकरवार ने 13.50 करोड़ रुपये निकाल लिए थे। रिपुदमन ने जेल अधीक्षक उषा राज के आइडी व पासवर्ड का उपयोग कर गबन कांड को अंजाम दिया था।
पुलिस मामले में अब तक जेल अधीक्षक उषा राज, रिपुदमन, शैलेंद्र तथा जगदीश परमार, सटोरिए रोहित चौरसिया, रिंकु मांदरे, हरीश गेहलोत, धर्मेंद्र उफ रामजाने व फूल कारोबारी शुभम कोरी को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस अब फरार जेल प्रहरी धर्मेंद्र लोधी, सटोरिए सुशील परमार, पिंटू तोमर, अमित मीणा, ललित मंगेश की तलाश में जुटी है।
मामले में पुलिस गुरुवार को उषा राज को लेकर सेठीनगर स्थित बैंक पहुंची थी। यहां लाकर में तीन किलाे 718 ग्राम सोने के कैडबरी, तीन किलो 144 ग्राम चांदी के बर्तन, चार प्लाटों की रजिस्ट्री व भोपाल में फ्लैट की बुकिंग के 24 लाख रुपये नकद भुगतान की रसीदें मिली हैं। गबन के मामले में ये बड़ी रिकवरी बताई जा रही है।
जेल अधीक्षक के राजदार जगदीश व जेल प्रहरी को भेजा जेल
पुलिस ने जगदीश परमार व जेल प्रहरी देवेंद्र चौहान पर गबन कांड के अलावा कैदियों से मारपीट व धमकाकर अवैध वसूली करने के मामले में इंदौर निवासी दीपक माली की शिकायत पर केस दर्ज किया था। गुरुवार को पुलिस ने देवेंद्र को भी गिरफ्तार कर लिया। जगदीश व देवेंद्र को कोर्ट में पेश किया गया था। दोनों को एक दिन के पुलिस रिमांड मिला था। रिमांड खत्म होने पर इन्हें वापस कोर्ट में पेश किया गया जहां से जगदीश को महिदपुर व देवेंद्र को बड़नगर जेल भेजा गया है।
एसआइटी में अभियोजन अधिकारी भी शामिल
एसपी सचिन शर्मा के निर्देश के बाद उप संचालक अभियोजन डॉ. साकेत व्यास, एडीपीओ नीतेश कृष्णन और उमेशसिंह सेंगर को भी एसआइटी में शामिल किया गया है। केस डायरी तैयार करने में अभियोजन पक्ष मजबूत रहे व कोई कमी न रह जाए, इसलिए अब एसआइटी में अभियोजन अधिकारी भी हर पहलू को विधि अनुसार कागजी प्रक्रिया से मजबूत कराएंगे।
You must be logged in to post a comment.