34 साल बाद शिक्षा नीति में बड़ा बदलाव: दसवीं बोर्ड खत्म, 12th की परीक्षाओं को बोर्ड परीक्षा कहा जाएगा? दावे पर सरकार ने बताई सच्चाई
New Education Policy 2020: 34 साल बाद शिक्षा नीति में बड़ा बदलाव? दसवीं बोर्ड खत्म, 12th की परीक्षाओं को बोर्ड परीक्षा कहा जाएग? भारत सरकार के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्रीय कैबिनेट द्वारा स्वीकृत कर दिए जाने के बाद भारत की नई शिक्षा नीति लागू हो गई…. ?
इस खबर को लेकर सरकार की ओर से जारी सफाई में कहा गया है कि यह खबर सही नहीं है।
क्या किया गया था दावा मैसेज में
वायरल खबर व तमाम मैसेज में कहा गया था कि कैबिनेट ने नई शिक्षा नीति (New Education Policy 2023) को हरी झंडी दे दी है। 34 साल बाद शिक्षा नीति में बदलाव किया गया है। नई शिक्षा नीति की उल्लेखनीय बातें सरल तरीके की इस प्रकार हैं। वायरल खबर में दावा किया गया था….
Five Years Fundamental ?
1. Nursery @ 4 Years
2. Jr KG @ 5 Years
3. Sr KG @ 6 Years
4. Std 1st @ 7 Years
5. Std 2nd @ 8 Years
Three Years Preparatory?
6. Std 3rd @ 9 Years
7. Std 4th @10 Years
8. Std 5th @11 Years
Three Years Middle
9. Std 6th @ 12 Years
10.Std 7th @ 13 Years
11.Std 8th @ 14 Years
Four Years Secondary
12.Std 9th @ 15 Years
13.Std SSC @ 16 Years
14.Std FYJC @ 17Years
15.STD SYJC @18 Years
खबर यह भी जारी की हुई थी कि
- दसवीं बोर्ड खत्म को खत्म किया जा रहा
- केवल कक्षा 12 की परीक्षाओं को बोर्ड परीक्षा कहा जाएगा।
- MPhil की डिग्री बंद कर दी जाएगी।
- उच्च शिक्षा डिग्री कोर्स 4 साल का।
- 5वीं तक के छात्रों को मातृ भाषा, स्थानीय भाषा और राष्ट्र भाषा में ही पढ़ाया जाएगा। बाकी विषय चाहे वो अंग्रेजी ही क्यों न हो, एक सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ाया जाएगा।
- पहले 10वी बोर्ड की परीक्षा देना अनिवार्य होता था, जो अब नहीं होगा।
- 9वींं से 12वींं क्लास तक सेमेस्टर में परीक्षा होगी। स्कूली शिक्षा को 5+3+3+4 फॉर्मूले के तहत पढ़ाया जाएगा।
- वहीं कॉलेज की डिग्री 3 और 4 साल की होगी यानि कि ग्रेजुएशन के पहले साल पर सर्टिफिकेट, दूसरे साल पर डिप्लोमा, तीसरे साल में डिग्री मिलेगी।
- 3 साल की डिग्री उन छात्रों के लिए है जिन्हें हायर एजुकेशन नहीं लेना है। वहीं हायर एजुकेशन करने वाले छात्रों को 4 साल की डिग्री करनी होगी। 4 साल की डिग्री करने वाले स्टूडेंट्स एक साल में MA कर सकेंगे।
- MA के छात्र अब सीधे PHD कर सकेंगे।
इस खबर के बाद पीआईबी ने कहा कि ऐसा कोई आदेश जारी नहीं हुआ है, नई शिक्षा नीति को लेकर कई तथ्य हैं जिन्हें समझना जरूरी है, लिहाजा यह खबर फेक है।
हायर एजुकेशन में 2035 तक ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो 50 फीसदी हो जाएगा. वहीं नई शिक्षा नीति के तहत कोई छात्र एक कोर्स के बीच में अगर कोई दूसरा कोर्स करना चाहे तो पहले कोर्स से सीमित समय के लिए ब्रेक लेकर वो दूसरा कोर्स कर सकता है।
ट्विटर पर जारी फैक्ट
हायर एजुकेशन में भी कई सुधार किए गए हैं। सुधारों में ग्रेडेड अकेडमिक, ऐडमिनिस्ट्रेटिव और फाइनेंशियल ऑटोनॉमी आदि शामिल हैं। इसके अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में ई-कोर्स शुरू किए जाएंगे। वर्चुअल लैब्स विकसित किए जाएंगे। एक नैशनल एजुकेशनल साइंटफिक फोरम (NETF) शुरू किया जाएगा। बता दें कि देश में 45 हजार कॉलेज हैं। सरकारी, निजी, डीम्ड सभी संस्थानों के लिए होंगे समान नियम।
नयी शिक्षा नीति के तहत किये गए बदलाव आने वाले लगभग दो दशकों को ध्यान में रखकर किये गए हैं। शिक्षा नीति 2020 में किये गए सारे बदलाव एक बार में नहीं बल्कि एक के बाद करके अलग अलग चरणों में लागू किये जाएंगे। इस नीति का मकसद शिक्षा के प्रारूप में बदलाव करके भारत को विकास की राह पर चला वैश्विक ज्ञान महाशक्ति के रूप में स्थापित करना है।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत सकल नामांकन अनुपात को वर्ष 2030 तक सौ प्रतिशत (100%) लाने का टारगेट रखा गया है। शिक्षा क्षेत्र पर जी.डी.पी के 6% हिस्से का सार्वजनिक व्यय भी इस शिक्षा नीति के तहत किया गया है। ये केंद्र और राज्य सरकार की सहायता से किया जाएगा।
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