विधानसभा में विधायक संजय पाठक के गम्भीर आरोप: शासकीय चिकित्सालय में आने वाले मरीजों को निजी अस्पताल भेज कर कराए जा रहे हैं आपरेशन
कटनी। विधायक संजय पाठक ने आज विधानसभा में कटनी जिला चिकित्सालय में आने वाले कटनी जिले एवं आसपास के जिलों के मरीजों को जांच की संपूर्ण सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराने एवं अस्पताल में हर तरह के आपरेशन न करते हुए निजी चिकित्सालयों में आपरेशन कर लूटने का मुद्दा उठाया।
उन्होंने अपने प्रश्न में जानना चाहा कि किसके आदेश पर मरीजों के आपरेशन जिला चिकित्सालय में न होकर मरीजों एवं उनके परिजनों को भ्रमित कर हर तरह के आपरेशन निजी चिकित्सालयों में किए जा रहे हैं एवं कौन कौन सी सुविधाएं चिकित्सकों द्वारा बाह्र व अंतः रोगियों को उपलब्ध कराई जा रही है।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने प्रश्न के उत्तर में बताया कि चिकित्सालय में रोगियों को प्रयोगशाला जांच, एक्सरे, सिजिरियन ऑपरेशन, माइनर ऑपरेशन, डायलिसिस, सीटी स्कैन आदि सुविधाएं उपलब्ध हैं जिले में सामान्य आपरेशन बंद नहीं किए गए है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने प्रश्न के जवाब में दी भ्रामक गलत जानकारी : संजय पाठक
इसी प्रश्न के अनुपूरक प्रश्न में श्री संजय पाठक ने स्वास्थ्य मंत्री से पूछा जिला चिकित्सालय में शासन द्वारा उपलब्ध सुविधाओं का लाभ जनता तक पहुंचे इसी मंशा से यह प्रश्न लगाया गया है अनेकों मरीजों एवं परिजनों ने मुझे स्वयं बताया है जो आपके उत्तर से भिन्न है चिकित्सालय सामान्य सी जांच भी नहीं हो रही है आने वाले मरीजों को भ्रम पैदा कर निजी चिकित्सालय में भेज दिया जाता है जहां उन्हीं मरीजों से वही डॉक्टर मोटी रकम वसूल कर आपरेशन करते है पिछले दिनों जिला कलेक्टर द्वारा इसी तरह के केस में कतिपय डॉक्टर व एन.एम.एन को नोटिस देकर प्रसूता को बाहर निजी चिकित्सालय रिफर न करने एवं चिकित्सालय में ही डिलेवरी कराने को कहा है । मंत्री जी क्या आश्वाशन देगे कि अस्पताल आने वाले मरीजों को जांच,ऑपरेशन,डायलिसिस,सीटी स्कैन का लाभ निर्बाध रूप से मिले प्रसूता की डिलेवरी जिला चिकित्सालय में जिससे लोगों को निजी चिकित्सालय में जाने को विवश न होना पड़े ऐसा कृत्य करने वाले कतिपय डॉक्टर व एन.एम.एन पर कार्यवाही का भी कोई निर्देश देगे। इसी बीच अलग अलग मुद्दों को लेकर विपक्ष द्वारा लगातार हंगामा शुरू कर दिया गया जिससे सदन की कार्यवाही विधानसभा स्पीकर द्वारा स्थगित कर दी गई।
मौत का डर, मजबूरी का बेजा लाभ
जिला अस्पताल में किस तरह मौत का डर दिखाकर कई डॉक्टर निजी अस्पतालों की सांठगांठ से पैसे कमा रहे हैं, पिछले सालों में कई उदाहरण सामने आए थे जन जिला अस्पताल में पदस्थ चिकित्सक ने निजी क्लीनिक में आपरेशन किया एक दो घटना में इलाज के दौरान मरीजों की मृत्यु होने पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग को लेकर जिला अस्पताल के गेट पर प्रदर्शन भी किया था।
गौरतलब है की पिछले दो साल पहले ही राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में सामने आई थी जिसमें यह बताया गया था की देश के निजी क्षेत्र के अस्पतालों में लोगों को इलाज कराना सरकारी अस्पतालों की तुलना में सात गुना अधिक खर्चीला पड़ता है।